Wednesday, August 31, 2011
प. बंगाल पुलिस ने संभाली ममता बनर्जी की सुरक्षा की कमान
कोलकाता।। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कार्यालय संभालने के 103 दिनों के बाद मंगलवार को राज्य पुलिस ने उनकी सुरक्षा की कमान रेलवे सुरक्षा बल से अपने हाथों में ले ली।
राज्य सचिवालय के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार ममता की सुरक्षा में तैनात 75 आरपीएफ सुरक्षाकर्मियों में से अब सिर्फ 13 ही उनके घेरे में रहेंगे और बाकी अपने पूर्व विभागों में लौट जाएंगे। मुख्यमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाले सुरक्षा के अतिरिक्त महानिदेशक वीरेंद्र ने बताया कि ममता के सुरक्षा घेरे के अलावा उनकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त खुफिया और सुरक्षा कर्मियों को भी तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है। ऐसा माना जा रहा है कि आरपीएफ की तरफ से सुरक्षा के मामले में भारी-भरकम बिल दिए जाने के कारण यह कदम उठाया गया है। मंगलवार को ही एक युवक ने हाजरा पथ के पास मुख्यमंत्री के काफिले में घुसने की कोशिश की थी।
Monday, August 29, 2011
पश्चिम बंगाल का नाम होगा 'पश्चिम बंग'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सरकार ने राज्य के विपक्षी दलों के साथ मिलकर सर्वसम्मति से राज्य का नाम बदलकर 'पश्चिम बंग' रखने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा, ''राज्य सरकार और सभी विपक्षी दलों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि राज्य का नाम पश्चिम बंगाल से बदलकर पश्चिम बंग रखा जाए।'' बनर्जी ने कहा, ''बांग्ला में हम अपने राज्य को पश्चिम बंग कहते हैं लेकिन अंग्रेजी में पश्चिम बंगाल कहते हैं। अब से अंग्रेजी में भी हमारे राज्य को पश्चिम बंग कहा और लिखा जाएगा।''
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता मनोज भट्टाचार्य बैठक में मौजूद थे। उन्होंने आईएएनएस से कहा, ''नया नाम अब विधानसभा में पारित होगा, इसके बाद यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से संसद में लाया जाएगा, फिर स्वीकृति के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।''
राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ''हमने महसूस किया कि ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक कारणों से हम में से सभी राज्य के नाम में परिवर्तन चाहते हैं। काफी विचार-विमर्श के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अंग्रेजी वर्णमाला का पहला अक्षर 'ए' के करीब कोई नाम हो। हमें 'ए' अक्षर से तो कोई नाम नहीं मिला लेकिन हम 'डब्ल्यू' को छोड़कर 'पी' पर पहुंचे।''
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्य कांत मिश्रा ने बैठक के बाद कहा, ''पश्चिम बंगाल का नाम 'पश्चिम बंग' रखे जाने के मुद्दे पर हम राज्य सरकार के विचार से सहमत हैं।''
चटर्जी ने कहा, ''नाम पर विचार करते समय हमने प्रशासनिक, ऐतिहासिक एवं सामाजिक सहित सभी पहलुओं पर विचार किया।''
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के नेता मनोज भट्टाचार्य बैठक में मौजूद थे। उन्होंने आईएएनएस से कहा, ''नया नाम अब विधानसभा में पारित होगा, इसके बाद यह प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजा जाएगा। वहां से संसद में लाया जाएगा, फिर स्वीकृति के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।''
राज्य के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ''हमने महसूस किया कि ऐतिहासिक एवं प्रशासनिक कारणों से हम में से सभी राज्य के नाम में परिवर्तन चाहते हैं। काफी विचार-विमर्श के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि अंग्रेजी वर्णमाला का पहला अक्षर 'ए' के करीब कोई नाम हो। हमें 'ए' अक्षर से तो कोई नाम नहीं मिला लेकिन हम 'डब्ल्यू' को छोड़कर 'पी' पर पहुंचे।''
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता सूर्य कांत मिश्रा ने बैठक के बाद कहा, ''पश्चिम बंगाल का नाम 'पश्चिम बंग' रखे जाने के मुद्दे पर हम राज्य सरकार के विचार से सहमत हैं।''
चटर्जी ने कहा, ''नाम पर विचार करते समय हमने प्रशासनिक, ऐतिहासिक एवं सामाजिक सहित सभी पहलुओं पर विचार किया।''
राज्य का नाम परिर्वतन अनावश्यक : सोमनाथ
राज्य के नाम परिवर्तन पर छिड़ी बहस के बीच लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने इसे अनावश्यक करार दिया और कहा कि नाम में कुछ नहीं रखा बल्कि मुद्दों को सामने रखने की उसकी गंभीरता ही प्रधान है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल का नाम बदल कर पश्चिम बंग किया जाना पूरी तरह से अनावश्यक है। किसी भी राज्य का मामला उसके नाम की वर्णमाला पर आधारित नहीं होता बल्कि उसकी पहचान उसकी क्षमता और गंभीरता से मुद्दों को उठाने की उसकी क्षमता से होती है।
शनिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक समारोह मंच से सोमनाथदा ने नाम परिवर्तन पर अपनी भावनाएं रखीं। उल्लेखनीय है कि तृणमूल सरकार ने शुक्रवार को राज्य के नाम को बदलकर पश्चिम बंग करने का निर्णय लिया, जिस पर मुख्य विपक्षी घटक वामो की भी सहमत हो गई।
टिकटबिक चुके हैं 42,000
अर्जेण्टीना-वेनेजुएला में होने वाले बहुप्रतीक्षित मैच के अब तक 42,000 टिकट बिक चुके हैं। आयोजकों को उम्मीद है कि मैच के पहले तक सारे टिकट बिक जाएंगे। 700, 1000, 2570, 3590 और 5120 रुपए के सारे टिकट बिक चुके हैं। अब 1550, 1860, 2060 और 2470 रुपये वाले टिकट बिकने बाकी हैं। टिकटों की बिक्री साल्टलेक स्टेडियम, मोहम्मडन स्पोर्टिंग क्लब के टिकट काउंटर के अलावा एयरसेल के 12 आउटलेटों में हो रही है। इसके अलावा अलीबाबा रेस्तरां के माध्यम से भी टिकट बेचे जा रहे हैं जहां पर टिकटों की होम डिलीवरी की भी व्यवस्था की गई है। जिन लोगों ने आनलाइन टिकट खरीदे हैं, वे काउंटर पर जाकर उन्हें 'फिजिकल फार्म' में एक्सचेंज कर सकते हैं। आयोजकों के मुताबिक 80,000 लोग टिकट खरीदकर आएंगे, जबकि शेष टिकट विभिन्न वर्गों में वितरित किए जा रहे हैं।
सरकारी अधिकारी बने फिल्म निर्देशक
अपने व्यस्त कामकाज से समय निकाल कर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त निजी सचिव शांतनु बसु ने टोटो व बीरहोर्स प्रजाति पर एक वृत्तचित्र बनाया है। इसके लिए उन्होंने 2004-05 में जलपाईगुड़ी के मदारीहाट में बीडीओ के तौर कर काम करने के दौरान हुए अनुभव को खूब व्यवहार में लाया। उन्होंने बताया कि इस दौरान वह अकसर खाली समय में टोटोपाड़ा में घूमने जाया करते थे पर वहीं से उनको इस दुर्लभ प्रजाति पर फिल्म बनाने का खयाल आया। इस फिल्म को बनाने के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य है लोगों को इस प्रजाति के बारे में जागरूक करना व उनके मन से इस बात को हटाना की वे बाहरी लोगों को अपना शत्रु समझते हैं
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