Wednesday, May 23, 2012

कांग्रेस के दबाव के कारण ममता को पीछे हटना प


  कांग्रेस के दबाव के कारण आखिर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पीछे हटना पड़ा है। उन्होंने इंदिरा भवन को नजरूल अकादमी बनाने का फैसला बदल दिया है। मजबूरन ममता को फैसला करना पड़ा है कि अकादमी और अनुसंधान केंद्र राजारहाट में बनाया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के रवैये से सख्त नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जगह बदलने का फैसला किया है। बताया जाता है कि  इंदिरा भवन का नाम बदलने के फैसले पर दोबारा विचार करने की सिफारिश करतेहुए राज्य के सिंचाई और कांग्रेस के मंत्री मानस भुइंया ने मंगलवार मुख्यमंत्री को फोन किया था। इससे मुख्यमंत्री भड़क गई। सूत्रों का कहना है कि बाद में उन्होंने अपने भरोसे के कुछलोगों से कहा कि किसी भी सरकारी दस्तावेज में इंदिरा भवन का उल्लेख मौजूद नहीं है। इसके बावजूद सरकारी फैसले का विरोध किया जा रहा है।  लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि जिस जगह को लेकर विवाद कियाजा रहा है ऐसी जगह नजरूल जैसे व्यक्ति की यादगार स्थापित नहीं की जा सकती। उनका कहना है कि जिन लोगों ने ऐसा किया उनसे और किसी तरह का संबंध नहीं रखना चाहती, एनफ इज एनफ।
हालांकि ममता ने इससे पहले एक निजी टीवी में साक्षात्कार के दौरान भी कहा है कि कांग्रेस से उनका कोई संबंध नहीं है। लेकिन मंत्रिमंडल में कांग्रेस सहयोगीके तौर पर है।
राज्य सरकार के फैसले में परिवर्तन के बारे में नगर विकास मंत्री फिरहाद हाकिम काकहना है कि इंदिरा भवन को नजरूल अकादमी बनाने के मामले पर कांग्रेस ने गंदी राजनीति शुरू कर रखी है। हम लोग नहीं चाहते कि नजरूल जैसे व्यक्तित्व के खिलाफ किसी प्रकार की गंदी राजनीति की जाए। इसलिए राजारहाट में कवि के नाम पर अकादमी और अनुसंधान केंद्र स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री शुक्रवार को इसका शिलान्यास करेंगी।
दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस नेता अब्दुल मन्नान का कहना है कि इंदिरा गांधी और नजरूल दोनों की हम श्रद्धा करते हैं। दोनों को सम्मान मिले यही चाहत है। इसमें किसी तरह की जिद नहीं है। हार होगी तो सभी की औरजीत होगी तो सभी लोगों की जीत होगी। सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार ने कांग्रेस को आश्वासन दिया था कि  साल्टलेक के मकान में इंदिरा गांधी के नाम का पत्थर लगा दिया जाएगा, इसके बाद वहां नजरूल की यादगार स्थापित की जाएगी। मन्नान का कहना है कि इंदिरा भवन को लेकर राज्य सरकार क्या करना चाहती है इस बारे में एलान कियाजाना चाहिए।
इस बीच मुख्यमंत्री ने फैसला बदल कर लिया कि राजारहाट में अकादमी स्थापित की जाएगी। मुख्यमंत्री का मानना है कि इंदिरा भवन में देश-विदेश के लोग नजरूल अकादमी में खोज और जानकारी हासिल करनेके लिए आते। इससे यह जगह एक तीर्थस्थल जैसी बन जाती । लेकिन दुष्प्रचारके कारण ऐसा नही किया जा रहा है इसलिए राज्य सरकार ने सम्मान सहित यहां से हटने का फैसला किया है। हालांकि यहां जो किया जाना था साल्टलेक के पांच नंबर सेक्टर से राजारहाट में प्रवेश करने के सामने पुराने  हिडको भवन में उससे विशाल आकार में काम किया जाएगा। इसके दूसरी ओर दो एकड़ जमीन पर तैयार होगा मुख्यमंत्री का सपने का भवन,नजरूल भवन में अकादमी और अनुसंधान केंद्र होगा और इसका नाम नजरूल तीर्थ  हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री हिडको के पुराने भवन को अपने सूचना और संस्कृति विभाग का कार्यालय बनाना चाहती हैं। यहां वे विभाग केतहत विभिन्न अकादमी की बैठकें करेंगी। इस बारे में उन्होंने नगरविकास मंत्री को निर्देश दिए हैं। राष्ट्रपति चुनाव से पहले इंदिरा भवनकी समस्या हल होने पर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस दोनों दलों ने राहत कीसांस ली है। सभी लोगों की निगाहें शुक्रवार पर लगी हैं जब मुख्यमंत्री शिलान्यास के मौके पर अकादमी के बारे में नए एलान करेंगी।


Sunday, May 20, 2012

बुद्धिजीवियों की राय में ‘निरंकुश’ हैं ममता

बुद्धिजीवियों की राय में ‘निरंकुश’ हैं ममताकोलकाता। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी के शासन के एक साल पूरे हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल का बुद्धिजीवी वर्ग कभी ममता बनर्जी का समर्थक था। लेकिन अब जब राज्य में तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष के शासन के एक साल पूरे हो चुके हैं तो बुद्धिजीवियों की राय ममता के बारे में अलग अलग है। कुछ को जहां लगता है कि ममता ‘निरंकुश’ हैं और उन्हें अपनी ‘आलोचना बर्दाश्त नहीं होती।’ वहीं ज्यादातर की राय है कि तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष को और समय चाहिए।
शिक्षाविद सुनंदा सान्याल, साहित्यकार महाश्वेता देवी, अभिनेता कौशिक सेन, लेखक नाबरूण भट्टाचार्य, बांग्ला कवि संखा घोष ने पिछले कुछ माह के दौरान कई मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री की खूब आलोचना की है। इस आलोचना का कारण पार्क स्ट्रीट बलात्कार मामले से निपटने का तरीका, सरकारी ग्रंथालयों में चुनिंदा अखबार भेजा जाना, ममता विरोधी कार्टून को लेकर उठा विवाद और दो प्रोफेसरों की गिरफ्तारी जैसे मुद्दे थे।
पिछले माह, ममता का उपहास करने वाले कार्टून को ईमेल से अग्रसारित करने के लिए जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रो अंबिकेश महापात्र की गिरफ्तारी सहित कई मुद्दों के विरोध में बुद्धिजीवियों ने मौन जुलूस निकाला था। सुनन्दा सान्याल ने कहा ‘‘उनके कुछ गुण मुझे निरंकुश जैसे लगते हैं। न तो प्रोफेसरों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और न ही राज्य के ग्रंथालयों में अखबारों पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। वह पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के नक्शेकदम पर ही चल रही हैं। निश्चित रूप से यह बदलाव अच्छाई के लिए नहीं है।’’
आठवीं कक्षा तक के छात्रों को अपराध करने पर हिरासत में न लेने के मंत्रिमंडल के फैसले को लेकन व्यथित हो कर सुनन्दा सान्याल ने पिछले साल राज्य स्कूल पाठ्यक्रम समिति और उच्च शिक्षा समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित लेखिका महाश्वेता देवी ने रैली निकाले जाने तथा भूख हड़ताल की अनुमति के लिए ‘एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन आॅफ डेमोक्रेटिक राइट्स’ :एपीडीआर: को पुलिस के इंकार के कारण तृणमूल सरकार को ‘फासीवादी’ करार दिया है।

तृणमूल कांग्रेस के बागी सांसद, गायक और संगीतकार कबीर सुमन ने कहा ‘‘कभी मैं उनकी अच्छाइयों की तारीफ करते हुए गाने लिखता था। अब मैं और ऐसा नहीं कर सकता। विपक्ष की नेता के तौर पर उनका कद उच्च्ंचा था लेकिन सत्तारूढ़ दल की नेता के तौर पर ऐसा नहीं है।’’

ममता के प्रति राय बदलने का कारण बताते हुए सुमन ने कहा ‘‘मामूली सी भी आलोचना से उनके मन में बैर भाव आ जाता है। मैं सोच विचार करने वाला व्यक्ति हूं लेकिन वह अपने आसपास ऐसे लोग चाहती हैं जो केवल उनकी हां में हां मिलाते रहें।’’

बहरहाल, प्रख्यात चित्रकार शुवप्रसन्ना ने कहा ‘‘मैं किसी दल से नहीं जुड़ा हूं। लेकिन मैं उनका समर्थन करता हूं क्योंकि उन्होंने राज्य में हर ओर विकास किया है।’’ उन्होंने कहा ‘‘सांस्कृतिक और रचनात्मक मोर्चे पर लोग इसलिए उत्साहित हैं क्योंकि उन्होंने हमारे लिए कई कदम उठाए हैं।’’

Wednesday, May 16, 2012

आपदा से मुकाबले के लिए विशेष वाहन


 महानगर कोलकाता में आपदा का मुकाबला करने के लिए विशेष वाहन की व्यवस्था की गई है। भूकंप या दूसरे किसी हादसे के कारण बहुमंजिला भवन ध्वस्त होने के बाद जमीन के नीचे 20 फीट तक कैमरे और विशेष मशीन की मदद लोगों की तलाश की जा सकेगी। यहां मिलने वाले आंकड़ों को बहुमंजिला बिल्डिंग से सीधे नेट पर देखा जा सकेगा। इतना ही नहीं भारी वाहन उठाने के लिए क्रेन के साथ ही वेस्ट बंगाल डिफेंस रेसक्यू वेहिकल्स में 40 फीट की सीढ़ी भी मौजूद है।
सूत्रों ने बताया कि भूकंप समेत दूसरी आपदा से निबटने के लिए कोलकाता में यह अत्याधुनिक वाहन पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ऐसे चार वाहन नागरिक सुरक्षा  विभाग को सौंप दिए हैं। विभाग के मंत्री जावेद खान का कहना है कि देश में पहला राज्य है जहां ऐसा वाहन पहुंचा है। इसके बाद देश के दूसरे राज्यों में आपदा का मुकाबला करने वाला वाहन जाएगा। आधुनिक उपकरण, मशीनें केंद्र सरकारकी ओर से फ्रांस, जर्मनी और जापान जैसे देशों से मंगवाई जा रही हैं। हालांकि आपदा से निबटने वाले वाहन का निर्माण देश में ही हो रहा है। इस तरह के चार वाहनों में एक कोलकाता, दूसरा दक्षिण चौबीस परगना जिले के सूर्यनगर में तीसरा आसनसोल में और चौथा सिलीगुड़ी में रहेगा। जमीन के नीचे 15 से 20 फीट तक की तस्वीरें खीचने के लिए जहां कैमरा लगाया गया है वहीं खुदाई के लिए ड्रील मशीन भी है। बेहोशी की हालत में व्यक्ति का भी इससे पता लगाया जा सकेगा। जिससे राहत और बचाव कार्य में सहूलत होगी। इतना ही नहीं इसमें आयरन कटर, डायमंड कटर के साथ ही 40 फीट लंबी दो सीढ़ीयां भी रहेंगी।
सूत्रों ने बताया कि वाहन में जनरेटर, सर्च लाइट , दो फायर सूट, कई गैस मास्क मौजूद रहेंगे जिससे आग बुझानेके दौरान किसी तरह की परेशानी न हो। मुखौटे पहन कर लोग 45 मिनट तक बगैर किसी समस्या के काम कर सकेंगे। इसके साथ ही 120 फीट ऊंचे भवन तक रस्सी पहुंचानेके लिए विशेष बंदूक भी है। इसकी मदद से 10-12 मंजिलों तक रस्सी की मदद सेराहत और बचाव कार्य किया जा सकेगा। वाहन का प्रयोग करने के लिए कुल मिलाकर 100 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है। पता चला है कि 500 से 600 और लोगों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मालूम हो कि विशेष वाहन में कुल मिलाकर 22 लोगोंके बैठने और दस लोगों के खड़ा होने की व्यवस्था है। माना जा रहा है कि किसी भी तरह के हादसे की सूचना मिलने के बाद वाहन के पहुंचने के बाद बहुत सारी समस्या का समाधान हो सकेगा। हालांकि प्रयोग के बाद ही इसकी असली उपयोगिता का पता चल सकेगा।

Sunday, May 6, 2012

कोलकात पहुंचीं हिलेरी,ममता से करेंगी मुलाकात



अमेरिका की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन रविवार को कोलकाता यहां पहुंचीं। दो दिन की यात्रा के इस दौरान वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के विभिन्न वर्गो के लोगों से मुलाकात करेंगी। हिलेरी विशेष विमान से दोपहर 12.55 बजे ढाका से नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं। उनका विमान निर्धारित समय से 15 मिनट देरी से पहुंचा। राज्य सरकार के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी अगवानी की।

हवाई अड्डे पर फोटोग्राफर हिलेरी का इंतजार कर रहे थे। यहां फोटो खिंचवाने के बाद वह लिमोजिन से कड़ी सुरक्षा के बीच दक्षिणी कोलकाता के होटल के लिए रवाना हुईं।


हिलेरी की यह दूसरी और विदेश मंत्री बनने के बाद पहली कोलकाता यात्रा है। इस दौरान राइटर्स बिल्डिंग में सोमवार को पूर्वाह्न् 11 बजे उनकी मुलाकात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से होगी। इससे पहले वह बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और शहर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों को सम्बोधित करेंगी।



क्लिंटन ने सबसे पहले वर्ष 1997 में मदर टेरेसा की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए कोलकाता का दौरा किया था। तब उनके पति बिल क्लिंटन अमेरिका के राष्ट्रपति थे और हिलेरी की हैसियत अमेरिका की प्रथम महिला के रूप में थी।

Wednesday, May 2, 2012