Friday, November 30, 2012

पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का निधन



 पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का शुक्रवार को यहां मेदांता सिटी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह किडनी और फेफड़े में संक्रमण के कारण पिछले 10 दिनों से वेंटिलेटर पर थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, 93 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री को यहां सेक्टर 38 स्थित मेदांता सिटी अस्पताल में 19 नवंबर को भर्ती कराया गया था। यहां सांस लेने में तकलीफ के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन आज उनकी हालत बिगड़ गई और उन्होंने दोपहर तीन बजे के करीब अंतिम सांस ली।
पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार समेत सभी पार्टियों के नेताओं ने दुख प्रकट किया है।
तीसरे मोर्चे की ओर से 21 अप्रैल 1997 से 19 मार्च 1998 के बीच 11 महीने तक प्रधानमंत्री पद संभालने वाले आइ के गुजराल की पत्नी का पिछले साल ही निधन हो चुका है। उनके दो बेटे नरेश गुजराल और विशाल गुजराल हैं। बड़े पुत्र नरेश गुजराल राज्यसभा के सदस्य हैं।

Thursday, November 29, 2012

अब बेलून पर चढ़कर देख सकेंगे कोलकाता


  कोलकाता, 29 नवंबर (जनसत्ता)।अब आप आकाश पर चढ़कर ऊंचाई से कोलकाता को देख सकेंगे। इसके लिए हवाई जहाज का टिकट कटाने की जरुरत नहीं है। एक बेलून की मदद से बीच आकाश से कोलकाता दर्शन कि ए जा सकेंगे। यह महज कल्पना नहीं है। जमीन से 500 फीट ऊपर बेलून की मदद से हिंडोले पर खड़े होकर नजारा देखना दो महीने में संभव हो सकेगा। राज्य की दो सरकारी संस्थाओं की ओर से यह काम किया जा रहा है। कोलकाता इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (केआईटी)  और कोलकाता मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथारिटी (एएमडीए) की ओर से इस बारे में व्यापक स्तर पर काम किया जा रहा है।
सूत्रों से पता चला है कि महानगर के रवींद्र सरोवर में इसके लिए बाकायदा स्टेशन बनाया जा रहा है। इसके बाद 3500 घनमीटर हिलीयम गैस से भरे हुए बेलून की मदद से कोलकाता को आकाश से देखा जा सकेगा। एक बार बेलून की मदद से उपर पहुंचे नहीं कि सफेदी में जगमगाता विक्टोरिया, हावड़ा पुल ( रवींद्र सेतु) दिखाई देगा। हवा की मदद से बेलून दूसरी ओर सरकने लगेगा तो आपको द्वितिय हुगली सेतु या विवेकानंद ब्रीज दिखाई देगा। साइंस सिटी से लेकर महानगर के दूसरे महत्वपूर्ण स्थान पंछी की तरह देखे जा सकेंगे। मंजूरी मिलने पर रात के अंधेरे में जगमगाता कोलकाता भी देखा जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि देश में सबसे पहले गुजरात में बेलून की मदद से नजारा देखने की व्यवस्था शुरू हुई थी। इसके बाद कश्मीर में यह मशीन खरीदी गई। हालांकि वहां अभी तक वह चालू नहीं हुई है। इस तरह कोलकाता देश का दूसरा ऐसा स्थान होगा जहां लोग बेलून की मदद से हिंडोले पर बैठकर महानगर का नजारा ले सकेंगे। आम तौर पर एक हजार फीट के बिजली के तार (विंच) की मदद से बेलून को नियंत्रित किया जाता है। लेकिन जब हवा तेजी से बहती है तो उसकी लंबाई घटा दी जाती है। हालांकि यह काम खासा महंगा है इसलिए दोनों संस्थाओं कीओर से पीपीडी माडल के तहत एक प्राइवेट संस्था को साथ लेकर काम किया जा रहा है। इसके लिए कोलकाता एयरपोर्ट के एटीसी से मंजूरी लेने की जरुरत पड़ती है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि जमीन से 500 फीट उपर दक्षिण कोलकाता में हवाई उडान में किसी तरह की समस्या नहीं होगी। इसका कारण यह है कि तब तक पूर्व कोलकाता में ही विमान 2500 फीट उपर चला जाएगा। इतना जरुर है कि बेलून पर सदैव एटीसी की नजर रहेगी।
सूत्रों से पता चला है कि बेंलून समेत हिंडोले की ऊंचाई लगभग 100 फीट है। अभी तक इस हवाई बेलून का नाम तय नहीं किया जा सका है। बेलून के नीचे लोगों के खड़ा होने की जगह होगी। इसका वजन 270 किलोग्राम है। यहां 25 से लेकर 30 यात्री खड़ा हो सकेंगे। 19 मीटर परिधि के बेलून का वजन लगभग तीन हजार किलोग्राम है। हालांकि आकाश से कोलकाता दर्शन करने के लिए कितने रुपए खर्च करने होंगे अभी तक इसका कुछ पता नहीं चल सका है। माना जा रहा है कि आगामी कुछ दिनों में ही संस्था की ओर से इसका एलान किया जाएगा।


पश्चिमी सभ्यता से अलग है सिख धर्म


  रंजीत लुधियानवी
कोलकाता, 28 नवंबर। सिख धर्मa में कर्मकांड और अंधविश्वास की कोई जगह नहीं है, लेकिन लोग अज्ञान के चक्कर में पड़ कर ऐसी हरकतें करते है,ं जिनका सिख धर्म से कोई संबंध नहीं है। श्री दरबार साहिब (हरमंदिर साहिब, अमृतसर) के हेड ग्रंथी ज्ञानी जसवंत सिंह ने बुधवार को यह विचार व्यक्त किए। गुरु नानक देव जी के 544 वें पावन प्रकाश उत्सव के मौके पर महानगर कोलकाता के शहीद मिनार में आयोजित तीन दिवसीय गुरमति समागम के अंतिम दिन उन्होंने यह विचार प्रकट किए। श्री गुरू सिंह सभा,कोलकाता की ओर से गुरु नानक जयंती के मौके पर यह आयोजन किया गया। इस मौके पर स्थानीय धर्म प्रचारकों के अलावा पंजाब से पहुंचे कई प्रचारकों ने भी कथा,कीर्तन किया। मालूम हो कि अखंड पाठ के शुभारंभ के दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी यहां पहुंची थी। आज यहां आने वालों में कोलकाता नगर निगम के मेयर शोभन चट््टोपाध्याय समेत कई लोग थे।
ज्ञानी जसवंत सिंह ने इस मौके पर कहा कि विवाह के पहले सिखों में रिंग सेरेमनी करना का प्रचलन इन दिनों खासा चल रहा है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब के सामने फेरे लेने से पहले यह रस्म की जा रही है। गुरू के सामने विवाह से पहले सिख धर्म में किसी पुरुष के लिए दूसरी महिला का हाथ पकड़ना और किसी महिला की ओर से दूसरे पुरुष का हाथ पकड़ना पूरी तरह से गलत है। जब तक शादी नहीं होती दोनों एक दूसरे को स्पर्श भी नहीं कर सकते। क्या पता उनका विवाह होगा भी या नहीं। लेकिन लोग इससे पहले अंगुठी पहनाने की रस्म रिंग सेरेमनी कर रहे हैं।
इसी तरह सिख धर्म अंधविश्वास का खंडन करता है। गुरू नानक देव जी ने बचपन से इस दिशा में प्रचार शुरू कर दिया था जब उन्होंने जनेउ धारण करने से इंकार कर दिया था। इसके बाद दसवें गुरू श्री गुरू गोविंद सिंह जी की ओर से खालसा पंथ की स्थापना करने के बाद साफ तौर पर एलान कर दिया गया कि सिखों को सिर्फ श्री गुरू ग्रंथ साहिब के सामने शीश झुकाना है। इसके अलावा किसी के सामने नतमस्तक नहीं होना है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। यह सीधी तौर पर धर्म विरोधी काम है।
चाची, मौसी , मामी को आंटी कहकर पुकारने पर तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा कि इससे रिश्ते की पहचान नहीं रहती है जबकि हमारी भाषा में अलग-अलग रिश्तों की अलग पहचान है। उसका विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में रहने के लिए बांग्ला और अंग्रेजी भाषाओं का ज्ञान सभी पंजाबियों को होना चाहिए। इसमें कुछ गलत नहीं है। यह रोजगार और कारोबार के लिए बहुत जरुरी है। लेकिन इसके साथ ही पंजाबी भाषा का ज्ञान अति आवश्यक है। बंगाली या अंग्रेजी में कोई गुरुवाणी का सटीक उच्चारण कर ही नहीं सकता है जबकि पंजाबियों के लिए प्रतिदिन गुरुवाणी का पाठ करना जरुरी है। उन्होंने कहा कि सिख धर्म पश्चिमी सभ्यता से अलग है। इसलिए विदेशियों की नकल करके आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव का जन्म दिन मनाने की प्रक्रिया सबसे पहले एक मुसलमान राजा  राय बुलार ने शुरू की थी।  उन्होंने सात तोपों की सलामी दी थी। यह जन्मदिन जब मनाया गया तब पहले गुरू हमारे बीच मौजूद थे। लेकिन इन दिनों गुरु नानक जयंती का स्वरुप ही बदल गया है।
इस मौके पर कोलकाता के मेयर शोभन चट््टोपाध्याय ने कहा कि महानगर में रहने वाले सिखों की ओर से श्रृद्धा और उत्साह से अपने धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। नगर निगम इस मामले में सभी प्रकार की मदद करता है। किसी को समस्या हो तो सीधे संपर्क किया जा सकता है। अल्पसंख्यकों के लिए हमलोग सभी प्रकार की सहायता के लिए तैयार रहते हैं।
मालूम हो कि शहीद मिनार के साथ ही डनलप के गुरुद्वारा सिख संगत में भी नानक जयंती मनाई गई। इस मौके पर अखंड पाठ की समाप्ति के बाद लंगर वितरण किया गया। जिसमें हजारों लोगों ने लंगर छका। इसके साथ ही रक्त दान शिविर का भी आयोजन किया गया।

Sunday, November 25, 2012

कंप्यूटर की जानकारी नहीं रखने वाले अब क्लर्क भी नहीं बन सकेंगे


  कोलकाता, 25 नवंबर (जनसत्ता)। अब क्लर्क की नौकरी के लिए भी कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए। राज्य सरकार के दफ्तरों में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) पद के लिए कंप्यूटर की जानकारी आवश्यक की गई है। इस बारे में वित्त विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि क्लर्क पद के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था से कम से कम छह महीने का कंप्यूटर पाठ्यक्रम किया होना चाहिए। इतना ही नहीं कंप्यूटर के बारे में जानकारी रखने के साथ ही अंग्रेजी और बांग्ला में टाइप करना भी आना चाहिए । अंग्रेजी में प्रति मिनट 35 और बांग्ला में 25 शब्द टाइप करने की स्पीड होनी चाहिए।
राज्य सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि नौकरी की परीक्षा में कंप्यूटर की परीक्षा नहीं ली जाएगी। लेकिन नौकरी मिलने के बाद इस बारे में परीक्षा ली जाएगी। राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए साल में दो बार कंप्यूटर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा में फेल होने वाले सरकारी कर्मचारियों की सालाना वेतन वृद्धि या इंक्रीमेंट रोक दिया जाएगा। वित्त सचिव की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा ग  या है कि पब्लिक सर्विस कमिशन (पीसीएस) और स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) के माध्यम से क्लर्क की नियुक्ति के लिए उक्त प्रावधान लागू होंगे। ग्रूप डी में नियुक्त हुए कर्मचारी प्रमोशन पाकर क्लर्क बनेंगे तो उन्हें भी कंप्यूटर की परीक्षा देनी होगी।
मालूम हो कि पहले राज्य में क्लर्क बनने के लिए टाइपिंग जानना जरुरी था। इसके लिए एक स्पीड भी तय की गई थी। नौकरी मिलने के बाद कनफर्म होने के लिए इसकी परीक्षा ली जाती थी। लेकिन 1984 में यह परीक्षा बंद कर दी गई। इन दिनों सरकारी दफ्तरों में टाइपराइटर का काम लगभग बंद हो गया है। यह काम अब कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है। टाइप कैडर को इस बीच डाइंग घोषित किया गया है। 2003 तक राज्य में टाइपिंग के लिए लोगों की नियुक्ति की गई थी। विभिन्न विभागों में कई हजार बांग्ला और अंग्रेजी टाइपिस्ट काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों का क्या किया जाएगा, इस बारे में राज्य सरकार के अधिकारी चिंतित हैं। कुछ टाइपिस्ट तो कंप्यूटर पर काम करते हैं लेकिन बताया जाता है कि ज्यादातर बेकार हैं।
सूत्रों ने बताया कि राईटर्स बिल्डिंग में कर्मचारी और प्रशासनिक संस्था के सचिव ने टाइपिस्टों के भविष्य को लेकर कर्मचारी संगठन के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने टाइपिस्टों को एलडीसी करने का सुझाव पेश किया,कर्मचारी संगठनों ने इस बारे में नाराजगी प्रकटकी है। उनका कहना है कि सालों से काम करने वाले कर्मचारी की वरिष्ठता प्रभावित हो सकती है। एलडीसी बनने पर ग्रेडेशन सूची में उनका नाम सबसे नीचे होगा। उनसे पहले जुनियर कर्मचारियों को पहले प्रमोशन मिल जाएगा। हालांकि बैठक में इस बारे में कोई सहमति नहीं बन सकी लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि सरकारी काम में तेजी लाने के लिए कंप्यूटर की जानकारी जरुरी है। बगैर काम के लोगों को बैठा कर वेतन नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी कर्मचारियों की नौकरी की उम्र बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर क्लर्को की भर्ती के लिए उम्र 18 साल से लेकर 40 साल तक की गई है।

Tuesday, November 6, 2012

9002020721 इस नंबर पर रेलवे को सूचित करें


 रेलवे की ओर से रेल यात्रियों की सुविधा के लिए एक विशेष नंबर की जानकारी दी गई है। पूर्व रेलवे सूत्रों के मुताबिक मोबाइल फोन नंबर 9002020721 पर कोई भी यात्री रेलवे स्टेशन और रेलगाड़ी में होने वाली किसी भी गलत कार्रवाई की जानकारी दे सकता है।
सूत्रों ने बताया कि रेलवे में गैर कानूनी सामान लेकर जाने वाले किसी व्यक्ति, विस्फोटक सामान देखने पर और समाजविरोधी लोगों की ओर से किसी तरह की घटना की जानकारी उक्त नंबर पर दी जा सकती है।
पूर्व रेलवे सूत्रों ने बताया कि विशेष मोबाइल फोन नंबर 9002020721 नंबर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जोनल सिक्युरिटी कंट्रोल में काम करेगा। यह नंबर कोलकाता स्थित पूर्व रेलवे के इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) - रेलवे सुरक्षा आयुक्त के कक्ष में लोगा। आगामी 7 नवंबर से यह नंबर काम करने लगेगा।