Friday, September 13, 2013

आधार के आंकड़े निराशाजनक, समयसीमा बढ़ाने की होगी सिफारिश



रंजीत लुधियानवी

कोलकाता, 12 सितंबर। आगामी 2014 की फरवरी तक सभी लोगों का आधार कार्ड बनाने की समयसीमा राज्य सरकार ने तय कर दी है। इस दौरान राज्य के सभी जिलों को तीन भागों में बांट कर आधार कार्ड बनाने का काम पूरा करने का फैसला किया गया है। इसके साथ ही जिन लोगों के कार्ड के लिए तस्वीरें खींचने का काम हो चुका है और अभी तक कार्ड नहीं मिला है। ऐसे लोगों के लिए ई-आधार कार्ड चालू करने का निर्णय किया गया है। अभी तक आधार कार्ड के दायरे में नहीं आने वालों को कार्ड बनाने के लिए पंचायत इलाके के नागरिकों को बीडीओ कार्यालय, नगर निगम इलाके में रहने वालों के लिए निगम कार्यालय और नगरपालिका इलाके में रहने वलों के लिए संबंधित बोरो या वार्ड कार्यालय में जाकर फार्म में खुद से संबंधित 15 आवश्यक आंकड़े दर्ज करवाने होंगे। ऐसा करने के लिए अपने पास पहचान पत्र (आइडेंटी प्रूफ) और रहने का रिहायशी प्रमाण पत्र (एड्रेस प्रूफ) लेकर जाना होगा। इसके बाद यह पता लगाने का प्रयास करेंकि आपके इलाके में आधार कार्ड के लिए कब फोटो खींचने वाले  शिविर का आयोजन किया जा रहा है। तय तिथि पर फोटो और बायोमैट्रिक आंकड़ें जमा करवा दें। हालांकि लौटने से पहले एकनालेजमेंट रसीद जरूर प्राप्त कर लें। तीन महीने तक डाक के माध्यम से कार्ड आपके घर पहुंच जाना चाहिए। ऐसे नहीं होने पर डब्लूडब्लूडब्लू डाट यूआईडीएआआई डाट आइएन वेबसाइट के ई आधार पोर्टल पर प्राप्त की गई रसीद के नंबर से स्टेटस की जांच कर सकते हैं।
मालूम हो कि आगामी एक नवंबर से कोलकाता, हावड़ा और कूचबिहार जिलों में रसोई गैस पर सबसिडी सीधे ग्राहक के बैंक खाते में जमा हो जाएगी। इसके लिए ग्राहक के पास आधार कार्ड या आधार नंबर होना चाहिए। बगैर कार्ड या नंबर वाले उपभोक्ताओं को 31 जनवरी तक सबसिडी वाला सिलेंडर मिलता रहेगा। इसके बाद जब तक आधार कार्ड या नंबर प्राप्त नहीं होता है, बगैर सबसिडी वाला सिलेंडर खरीदना होगा।
अगर आप खुशकिस्मत हैं और आधार के दायरे में आ चुके हैं, तब रसोई गैस डिस्ट्रीब्यूटर से मुफ्त में दो फार्म हासिल करें, एक फार्म में आधार कार्ड नंबर समेत दूसरे आंकड़े भर कर डिस्ट्रीब्यूटर के पास जमा करें। इसके साथ आधार कार्ड की प्रतिलिपि (जेराक्स) जमा देना न भूलें। बैंक के लिए दूसरा फार्म भरकर जिस बैंक में आप सबसिडी लेना चाहते हैं, बैंक खाता और आधार नंबर लिखकर जमा कर दें। डिस्ट्रीब्यूटर के कार्यालय में बैंक का फार्म एक बाक्स  में डाल दें या सीधे जाकर बैंक में जमा कर सकते हैं। इसके बाद आपका आधार नंबर रसोई गैस के कंजुमर नंबर से साथ जुड़ जाएगा। इसी तरह आपका आधार नंबर बैंक खाते के साथ लिंक हो जाएगा।
परियोजना के चालू होने के बाद पहला गैस सिलेंडर बुक करते ही संबंधित बैंक खाते में 490 रुपए जमा हो जाएंगे। जब आपके घर सिलेंडर आएगा, तब आपको बाजार दर पर सिलेंडर के लिए कीमत देनी होगी। इस महीने सिलेंडर की कीमत कोलकाता में 967 रुपए हैं।   सबसिडी वाले सिलेंडर के लिए आपको 412 रुपए 50 पैसे देने चाहिए, जबकि भुगतान ज्यादा का कर रहे हैं, इसलिए 64 रुपए 50 पैसे सिलेंडर मिलने के बाद आपके खाते में जमा हो जाएंगे। इसके बाद दूसरे सिलेंडर के दौरान बुकिंग करते ही सबसिडी की सारी रकम आपके खाते में जमा हो जाएगी। एक वित्त वर्ष में आपके एक अप्रैल से लेकर 31 मार्च की अवधि तक सबसिडी वाले नौ सिलेंडर मिलेंगे, इसके बाद खरीदे जाने वाले सिलेंडर पर आपको सबसिडी नहीं मिलेगी।
आंकड़ों के मुताबिक 11 मार्च 2013 तक कोलकाता में 55.46, हावड़ा में 60.50 फीसद और हुगली में 46.57 लोगों को आधार कार्ड मिले हैं, जबकि यहां 31 अक्तूबर तक काम पूरा होने की समयसीमा है। उत्तर चौबीस परगना में 7.29 फीसद और दक्षिण चौबीस परगना में 21.58 फीसद लोगों के कार्ड बने हैं, यहां 28 फरवरी तक कार्ड बनाने की समय सीमा तय की गई है। हालांकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक आधार कार्ड के दायरे में आने वाले जिलों में पहला नंबर हावड़ा जिले का है। यहां सबसे ज्यादा 83.9 फीसद लोग इस दायरे में आ चुके हैं। जबकि उत्तर दिनाजपुर में 8.3 फीसद, बांकुड़ा में 13.9 फीसद, कूचबिहार में 77 फीसद, जलपाईगुड़ी में 23.3 फीसद, दार्जिलिंग में 25 फीसद, दक्षिण दिनाजपुर में 50.6 फीसद, मालदा में 42.4 फीसद, हुगली में 79 फीसद, कोलकाता में 63.37 फीसद, मुर्शिदाबाद में 56 फीसद , पूर्व मेदिनीपुर जिले में 47.2 फीसद, दक्षिण चौबीस परगना जिले में 36.1 फीसद , बर्दवान जिले में 3.8, नदिया जिले में 34.5 फीसद,  वीरभूम 30.6 फीसद, उत्तर चौबीस परगना जिले में 27.9 फीसद, पश्चिम मेदिनीपुर जिले में 24.6 फीसद लोग आधार के दायरे में आ चुके हैं।
 राज्य के जनगणना विभाग के संयुक्त अधिकारी पीके मजुमदार का कहना है कि आधार बनाने के मामले में राज्य आठवें स्थान पर है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि हम कार्ड बनाने के मामले में पिछड़े हुए हैं। पंचायत चुनाव और डाक घर में पिन कोड की समस्या को लेकर जरूर कार्ड बनाने में देरी हुई है, ऐसा नहीं होता तो हालात और अच्छे होते। पंचायत चुनाव के लिए मार्च के अंत में अधिसूचना जारी हुई थी और जुलाई तक प्रक्रिया पूरी हुई। इस दौरान ग्रामीण इलाकों में कार्ड बनाने का काम पूरी तरह से बंद रहा। इसके बाद एक नाम के कई जगह पिनकोड अपलोड होने के कारण शहरी इलाकों में आधार का काम थम गया था।
राज्य सरकार की ओर से कोलकाता, हावड़ा, हुगली, बांकुड़ा,कूचबिहार, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिले के लिए 31 अक्तूबर तक आधार कार्ड बनाने का काम पूरा करने की समयसीमा तय कर दी है। जबकि वीरभूम, पूर्व मेदिनीपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर, पुरुलिया, उत्तर दिनाजपुर और जलपाईगुड़ी जिले में 31 दिसंबर तक समयसीमा तय की गई है। बर्दवान,उत्तर चौबीस परगना, दक्षिण चौबीस परगना, मुर्शिदाबाद, नदिया और दार्जिलिंग जिले के लिए 28 फरवरी की समयसीमा तय की गई है।
इधर राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि सिलेंडर की सबसिडी सीधे उपभोक्ताओं के खाते में पहुंचाने के लिए सभी लोगों को 28 फरवरी तक आधार के दायरे में लाने की परियोजना बनाई गई है। गृह सचिव बासुदेव बंदोपाध्याय के मुताबिक इस बारे में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय को पत्र लिख कर कहा जाएगा कि तय समय पर काम पूरा नहीं हुआ तब सबसिडी के मामले में समयसीमा बढ़ाई जाए, जिससे लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं हो।