Monday, February 3, 2014

आम आदमी पार्टी के सदस्यों पर खुफिया एजेंसियों की नजर


रंजीत लुधियानवी
कोलकाता, 2 फरवरी । कोना में आम आदमी पार्टी की ओर से सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है, डनलप में कितने लोग इस दल में शामिल हुए और आगामी चार फरवरी को कालेज स्कवायर से निकलने वाली रैली में कितने लोग शामिल होंगे, इस बारे में खुफिया एजेंसियों की खास नजर है।
सूत्रों से पता चला है कि केंद्र सरकार की इंटेलिजेंस ब्यूरो की राज्य शाखा (आईबी) की ओर से सवालों की एक सूची तैयार की गई है।इसके मुताबिक पश्चिम बंगाल में अब तक कितने लोग आम आदमी पार्टी के सदस्य बन गए हैं? कितने लोग अभी तक दूरी कायम रख कर दल को नैतिक समर्थन दे रहे हैं? इनमें से कोई खास आदमी तो नहीं है, अगर है तो उसकी राजनीतिक पृष्ठभूमि क्या रही है? राज्य में किस-किस जिले में कार्यालय बनाए गए हैं? जिला शाखाओं की जिम्मेवारी किसके पास है? ऐसे लोगों का संपूर्ण बायोडाटा कि उनका परिचय क्या है, समाज में क्या स्थिति है, क्या कामकाज करते हैं, शामिल है।
इसके साथ ही सवालों की लड़ी में यह भी शामिल है कि लोकसभा में कितनी सीटों पर आप चुनाव लड़ सकता है? इतना ही नहीं किस दल के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की तैयारी की जा रही है। किस राजनीतिक दल का समर्थन लेकर चुनाव लड़ने की कोशिश चल रही है। क्या राज्य की सभी 42 सीटों पर मुकाबला करेंगे और लोकसभा में किसे टिकट दिया जा सकता है।
सवालों की सूची मेंं यह भी शामिल है कि अकेले चुनाव लड़ने पर उन्हें कितनी सीटें मिल सकती है? सीटें अगर नहीं मिलती हैं तो वोट काटने पर तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, माकपा, भाजपा को किसे कितना नुकसान पहुंच सकता है। यह वोट कितने फीसद तक घट सकते हैं। उम्मीदवारों की सूची में कितने खास लोग शामिल हो सकते हैं और उन पर लोगों की क्या प्रतिक्रिया होगी? इतना ही नहीं राज्य में किस संस्था,राजनीतिक और गैर राजनीतिक दल की ओर से उन्हें समर्थन किया जा रहा है? उन्हें रकम कहां से मिल रही है। बताया जाता है कि फरवरी में ही यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेज दी जाएगी।
सूत्रोें का कहना है कि सवालों के जवाब तलाशने के लिए खुफिया विभाग ने गुप्त तरीके से राज्य के आम आदमी पार्टी के सदस्यों की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ ही कई विभिन्न स्तर के नेताओं से बातचीत भी की है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि अभी सारे तथ्य इकट्ठा नहीं किए जा सके हैं। इसका कारण यह है कि लोकसभा के उम्मीदवारों की सूची तैयार होने में अभी कुछ समय लग सकता है। माना जा रहा है कि फरवरी के मध्य तक उम्मीदवारोे ं की सूची तैयार हो जाएगी। इसके बाद केंद्र को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
सूत्रों का कहना है कि कई खास लोगों के आप से संबंध के बारे में आईबी को जानकारी मिली है। इसके तहत राज्य का एक बुद्धीजीवी शामिल है। बताया जाता है कि 30 जनवरी को वे ब्रिगेड की तृणमूल कांग्रेस की रैली में मंच पर सुशोभित थे। उन्होंने दल से कहा है कि वे नैतिक समर्थन देते रहेंगे। जबकि एक प्रसिद्ध गायिका और विवादों में घिरे रहने वाले आईपीएस अधिकारी भी शामिल हैं।
सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के बारे में हासिल की जाने वाली जानकारी कोई नई बात नहीं है। सदैव से यह प्रचलन रहा है कि किसी भी नई संस्था, संगठन या दल के गठन के बाद खुफिया विभाग को उसका ब्यौरा इकट्ठा करना पड़ता है। भले ही वह राजनीतिक संगठन हो या गैर राजनीतिक संगठन, इससे कोई सरोकार नहीं है। इसलिए राज्य में नए दल के गठन को लेकर लोकसभा चुनाव से पहले ब्यौरा इकट्ठा करना रुटीन बात है।
हालांकि दूसरी ओर कुछ लोगों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव जिस हालत में हो रहे हैं, उसमें स्पष्ट है कि किसी भी दल को बहुमत नहीं मिलेगा। ऐसे में क्षेत्रीय दलों के साथ ही आप की भी अहम भूमिका हो सकती है। एक व्यक्ति के मुताबिक इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव में 60 फीसद से ज्यादा युवा समाज के   मतदाता शामिल हैं। तमाम सोशल नेटवर्किंग साइट का इस्तेमाल करके आप ने उन्हें अपने साथ जोड़ने में सफलता हासिल की है। नई दिल्ली विधानसभा के परिणाम इसकी ताजा मिसाल हैं। इसका ही नतीजा है कि कई सर्वे में मोदी के बाद अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी को पछाड़ कर प्रधानमंत्री की दौड़ में दूसरे स्थान पर चल रहे हैं।
कई राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि चुनाव में भ्रष्टाचार एक बड़ा मुद्दा होगा। आप की ओर से प्रकाशित बेईमानों की सूची में जहां कांग्रेस के बड़े नाम शामिल हैं वहीं भाजपा भी इससे अछुती नहीं है। समाजवादी पार्टी से लेकर बहुजन समाज पार्टी के लोग इसमें शामिल हैं। देश में 350 सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान करने के बाद सभी राजनीतिक दलों के खिलाफ मोर्चा खोलने से माना जा रहा है कि कांग्रेस का वोट बैंक तो प्रभावित होगा ही दूसरे दल भी इसके प्रभाव से नहीं बच सकेंगे।
ऐसे हालात में आप की कालेज स्कवायरकी रैली निकलने वाली है। राज्य प्रशासन के एक अधिकारी के मुताबिक आप के गठन के बाद एक बार रुटीन पड़ताल की गई थी, अब लोकसभा के पहले दल की पूरी जन्मपत्री तैयार की जा रही है।