Monday, May 10, 2010
नगरपालिका
ााली नगरपालिका चुनाववार्डो के नक्शे ादले क्या नतीजे •ाी ादलेंगे ?रंजीत लुधियानवीााली नगर पालिका में परिसीमन के ााद वहां का मानचित्र पूरी तरह से ादल गया है। यहां वार्ड नांर में ादलाव तो हुआ ही है प्रशासनिक चित्र •ाी ादल गया है। पहले के मुकााले यहां छह नए वार्ड ानने के साथ वार्डों की संख्या 29 से ाढ़कर 35 हो गई है। परिसीमन के दौरान ााली के एक नांर, ोलूड़ के 12, 15, 17, 27 और लिलुया के 22 नांर वार्ड को वि•ााजित करके नए वार्ड ानाए गए हैं। आरोप है कि परिसीमन के ाारे में राज्य चुनाव आयोग ने नगर पालिका और विरोधी दलों की किसी दलील को नहीं माना। इसके ाावजूद विरोधियों का मानना है कि पिछले चुनाव की तरह इस ाार माकपा नहीं जीत सकेंगी वहीं माकपा का मानना है कि चुनाव के नतीजों में कोई फेरादल की सं•ाावना नहीं है। परिसीमन के ााद •ाले ही ााली नगर पालिका के इलाके में किसी तरह का फेर ादल नहीं हुआ हो लेकिन स•ाी वार्ड में ादलाव जरुर हुआ है। महज एक वार्ड लिलुया का 29 नांर वार्ड है जहां कोई ादलाव नहीं हुआ है। पहले इसे नगर पालिका का अंतिम वार्ड कहा जाता था। परिसीमन के ााद वार्ड की संख्या में ादलाव हुआ है। लिलुया में 23 नांर वार्ड ादलकर पालिका का अंतिम 35 नांर वार्ड ान गया है। 2001 की जनगणना के मुताािक ााली नगर पालिका इलाके की कुल आाादी दो लाख 60 हजार 906 थी। यहां कुल मिलाकर एक लाख 28 हजार 664 मतदाता हैं। परिसीमन के ााद पुराने ग्यारह नांर से नए ाारह नांर वार्ड में परिवर्तित हुए वार्ड में मतदाताओं की संख्या सासे ज्यादा 6782 है। जाकि सासे कम मतदाता 17 नांर वार्ड में 1054 हैं। स•ाी राजनीतिक दलों का आरोप है कि परिसीमन के दौरान मतदाताओं की संख्या ाराार नहीं रखी गई है। माकपा संचालित नगरपालिका के उपाध्यक्ष अरुणव लाहिरी का कहना है कि मतदाताओं की संख्या के मुताािक परिसीमन के लिए सुझाए •ोजे गए थे। जिसे चुनाव आयोग ने अस्वीकार कर दिया। उन्होंने प्रत्येक वार्ड का गठन आाादी के मुताािक किया है। इससे वार्ड में मतदाताओं की संख्या एक जैसी नहीं हो सकी है। वार्ड नांर 15 में मतदाताओं की संख्या 3119 है तो 17 नांर वार्ड के मतदाताओं की संख्या 1054 है। जाकि कई वार्ड में मतदाताओं की संख्या पांच हजार और उससे ज्यादा है। ााली तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष मल्लिका दास का कहना है कि मतदाताओं की संख्या ाराार रखने के लिए कहा गया था। जिसे चुनाव आयोग ने नहीं माना, इसके कहीं एक हजार मकान हैं तो कहीं छह हजार मकान हैं। 12 नांर वार्ड में 6782 मतदाता हैं लेकिन इसके ाावजूद इस वार्ड को वि•ााजित नहीं किया गया है। जाकि दूसरे नए ाने वार्ड 13, 17, 18, 22 और 26 में मतदाताओं की संख्या दो हजार से •ाी कम है। ााली के दस वार्ड में एक वार्ड को ही वि•ााजित किया गया है। वार्ड नांर एक को •ांग करके दो नए वार्ड का गठन किया गया है। ााली खाल इलाका (श्रीचरण सरणी), ााली जूट मिल कालोनी, एएन पाल लेन, ाीरेश्वर चटर्जी स्ट्रीट (ााली स्टेशन की ओर दाहिना रास्ता), पंचाननतला, ाीओसी ग्राउंड इलाका लेकर एक नांर वार्ड ाना है। परिसीमन के ााद ााली खाल इलाका (श्रीचरण सरणी) व ााली जूट मिल कालोनी को लेकर दो न ांर वार्ड ानाया गया है। इसके अलावा दूसरे इलाके एक नांर वार्ड में छोड़े गए हैं। ााली में एक से लेकर दस नांर तक वार्ड हैं। ोलूड़ के ाारह में चार वार्ड •ांग किए गए हैं। यहां 11 से लेकर 20, 26 और27 वार्ड हैं। 12 नांर वार्ड को •ांग करके 13 नांर का गठन किया ग या है। इसमें विवेकानंद रोड, अमृतलाल आटो लेन, ोचू शेख लेन, लालााााू सायर रोड का एक हिस्सा, रामलोचन सायर स्ट्रीट, रामधन घोष लेन, हारान मुखर्जी रोड, गिरीश घोष रोड का एक हिस्सा शामिल है। जाकि 15 नांर वार्ड को •ांग करके ाीके पाल टेंपुल रोड, जयाीाी रोड के कुछ हिस्सों को लेकर 16 नांर वार्ड गठित किया गया है। डाक्टर हेमंतकुमार चटर्जी स्ट्रीट का एक हिस्सा, जयाीाी रोड को लेकर 17 नांर वार्ड ाना है। दूसरी ओर गिरीश घोष ााई लेन, गिरीश घोष रोड, अ•ाय गुहा रोड, जीटी रोड को लेकर ाने 17 नांर वार्ड को •ांग करके 23 और 25 नांर वार्ड ानाए गए हैं। जाकि 27 नांर वार्ड को •ांग करके 18 और 19 नांर वार्ड का गठन किया गया है। ााली और ोलूड़ की तरह ही लिलुया के सात वार्ड में महज एक 22 नांर वार्ड को •ांग किया गया है। इससे 31 और 32 नांर वार्ड ानाए गए हैं। हालांकि 29 नांर वार्ड को छोड़ कर 21 से 25 और 28 स•ाी वार्डो की संख्या में जरुर ादलाव हुआ है। हालांकि राज्य चुनाव आयोग आयुक्त मीरा पांडे का कहना है कि ााली नगरपालिका की ओर से परिसीमन का प्रस्ताव देरी से •ोजा गया था, जिससे उसका विश्लेषण सं•ाव नहीं हो सका। हमलोगों की ओर से हर सं•ाव सही तरीके से परिसीमन करने का प्रयास किया गया है। विपक्ष का कहना है कि हावड़ा में पहली ाार दोनों सांसद तृणमूल कांग्रेस के हैं। पांच साल में जिले के राजनीतिक परिदृश्य में •ाारी परिवर्तन हुआ है। ााली युवा तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष प्राणकृष्ण मजूमदार के मुताािक पहले माकपा के डर से इलाके में लोग स•ाा, जूलूस में जाने के लिए तैयार नहीं होते थे, लेकिन आ हालात ादल गए हैं। निष्क्रिय कार्यकर्ताओं में नए उत्साह का संचार हुआ है। पहले डरा-धमका कर उम्मीदवारों को नाम वापस करने के लिए मजाूर किया जाता था। लेकिन इस ाार ऐसा करने की उनकी हिम्मत नहीं पड़ी। जाकि ााली नगरपालिका के चेयरमैन और माकपा नेता कृष्णचंद्र हाजरा का कहना है कि हिंसा के कारण नहीं लोगों के जारदस्त समर्थन से इलाके में विपक्ष का सफाया हुआ था। ाीते पांच साल में इलाके में जिस तरह से विकास हुआ है विरोधियों की आशा निराशा में ादल जाएगी और नतीजों में कोई परिवर्तन नहीं होगा। रुपनारायण नदी में कटाव से ाढ़ रही है परेशानी हावड़ा, ाारिश से लोगों को राहत मिल रही है लेकिन हावड़ा जिले के ाागनान इलाके में रहने वाले लोग दहशत में हैं। रुपनारायण नदी का कटाव लगातार •ायावह रुप धारण करता जा रहा है। मालूम हो कि लग•ाग छह साल पहले यहां कटाव शुरू हुआ था। आ यहां हालात ऐसे हो गए हैं कि किनारे कटते -कटते मुख्य ाांध तक पहुंच गए हैं। द्वीपमालिता के नजदीक नदी का पानी ाांध तक पहुंच गया है। ाांध टूटा तो इससे ाागनान शहर का •ाारी नुक्सान होने की आशंका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल ाारिश के दौरान ाांध के नीचे पत्थर फेंक कर आंशिक मरम्मत का काम किया जाता है। कुछ दिन पहले सिचाई वि•ााग के सूत्रों ने ाताया था कि पुराने मूल ाांध से कुछ दूरी पर एक नए ाांध का निर्माण किया जाएगा। लेकिन यह काम का शुरू होगा, लोगों को इसका पता नहीं है। मालूम हो कि ाीते सालों में हजारों ाीघा जमीन रुपनारायण नदी के गर्•ा में समा गई है। इलाके के लोगों को मुख्य पेशा खेती है। लेकिन जमीन चले जाने के ााद किसानों की आर्थिक दशा सोचनीय हो गई है। सासे ज्यादा असर द्वीपमालिता, मेल्लक और गोविंदपुर गांव के किसानों पर पड़ा है। गांव वालों का कहना है कि सिंचाई वि•ााग की उदासीनता केकारण सामताााड़ इलाके में शरतचंद्र के पल्ली •ावन के नजदीक पानी पहुंचने वाला है। देश के प्रसिद्ध साहित्यकार के मकान से महज 250 मीटर दूर तक पानी पहुंच चुका है। पानी का एक जोरदार थपेड़ा पड़ा नहीं कि सांस्कृतिक धरोहर के दौर पर शरत ाााू का मकान •ाी क्षतिग्रस्त हो सकता है। महेषरेखा के एसडीओ (सिंचाई) काकहना है कि इलाके के ाारे मे ंउच्चाधिकारियों को सूचित किया जाएगा। वहां से निर्देश मिलने के ााद ही कुछ किया जा सकेगा। शरतचंद्र के मकान के सामने नदी का पानी ज्वार-•ााटा में उतरना और चढ़ता रहता है। मकान के सामने स्नान करने का घाट था। जाकि यहां से दाहिनी ओर ौठ कर वे लेखनकार्य किया करते थे। इसकेसामने से ही नदी में नौकाओं का आना जाना लगा रहता था। धीरे-धीरे रुपनारायण लग•ाग दो किलोमीटर दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले की ओर चली गई। इस ाारे में द्वीपमालिता गांव के किसान मृत्यूंजय सामंत ाताते हैं कि मेरी पुरखों की 10 ाीघा जमीन थी। सारा परिवार खेती पर ही गुजारा करता था। खुशहाली में दिन ाीत रहे थे, लेकिन आ सारी जमीन नदी के आगोश में समा गई है। पेट •ारने के लिए फेरी करते हैं और ााजार में जाकर सजियां ोचते हैं। इसी तरह पानीग्रास गांव के विकास पांजा ाताते हैं कि खेती से ही हमारे परिवार का गुजर ाशर होता है। लेकिन नदी की नाराजगी जिस तरह से जारी है उससे लगता नहीं कि ज्यादा दिन तक हम लोग यहां रह सकेंगे। सामता गांव के समीर घोषाल कहते हैं कि नदी का कटाव रोकने के लिए ाार-ाार सिंचाई वि•ााग, जिलाधीश, एसडीओ, ाीडीओ और स•ाी राजनीतिक दलों से निवेदन किया जाता है। लेकिन अ•ाी तक कोई स्थाई समाधान नहीं हुआ है।
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