राज्य के पुलिस महानिदेशक नपराजित मुखर्जी ने बुधवार को एक पत्रकार सम्मेलन में कहा कि राज्य में बलात्कार की घटनाएं अऔर संगीन अपराध में मामलों में उल्लेखनीय कमी हुई है। लेकिन ब्यूरो ने हमारा पक्ष छापने से इंकार कर दिया। हमलोगों ने ब्यूरो को लिखा कि हमारा पक्ष प्रकाशित किया जाए, जिससे आंकड़ों के बारे में गलत धारणाएं नहीं हो।
मालूम हो कि क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में 2012 में अपराध के 30942 घटनाएं हुई हैं, जबकि 2011 में यह 29133 थी। डकैती की घटनाएं 236 के बजाए 279 दर्ज हुई। हत्या के मामले 2109 से बढ़कर 2252, हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि बलात्कार की घटनाएं इस दौरान 2363 से घटकर 2046 हो गई है। जबकि मुखर्जी ने दावा किया कि यहां के हालात दूसरे राज्यों के बेहतर हैं। उनका कहना है कि हमलोग महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए बहुत गंभीर हैं और बीते छह महीने में इस बारे में कई कदम उठाए गए हैं।
मालदा, उत्तर दिनाजपुर और हल्दिया में बलात्कार और गंभीर अपराध की घटनाओं के मामले में उम्र कैद की सजा दिए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे अपराध दर और उत्पीड़न की रोकथाम के बारे में बीते छह महीने के दौरान हमारी कोशिशों का पता चलता है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संगीन अपराध के मामले बीते साल के मुकाबले 2317 से घट कर 2012 में 1978 हो गए हैं।
मालूम हो कि पुलिस महानिदेशक का बयान उत्तर चौबीस परगना जिले के बारासात में कालेज छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना के पांच दिन बाद आया है, जब सारे राज्य में विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बारासात में नया पुलिस थाना बनाने के बारे में विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही सामूहिक बलात्कार के मामले में पहले की कठोर कदम उठाए गए हैं। हालांकि उन्होंने माना कि उत्तर चौबीस परगना जिले के बैरकपुर में तीन पत्रकारों पर हमला करने के मामले में मुख्य अभियुक्त शिबु यादव फरार है।
मुख्य सचिव संजय मित्र ने बारासात सामूहिक बलात्कार और टीवी पत्रकारों पर हमले की घटनाओं को बीते दो-तीन दिनों में हुई छिटपुट घटनाएं बताते हुए कहा कि पुलिस एक्शन ले रही है। हमलोग चार्जशीट पेश करके अदालत से सख्त सजा दिए जाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि अपराध के मामले में राज्य सरकार किसी भी तरह की राहत बरतने के लिए तैयार नहीं है।
No comments:
Post a Comment