मनमोहन सिंह की सरकार में 77 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं. गौर करने की बात ये है कि मंत्री सिर्फ करोड़पति नहीं है, बल्कि उनकी संपत्ति में दो साल के भीतर 1000 फीसदी से ज्यादा तक का इजाफा दर्ज किया गया है. मंत्रियों की संपत्तियों पर आंख खोल देने वाली रिपोर्ट गुरुवार को ही जारी हुई है.
जनता महंगाई और भ्रष्टाचार से बेहाल है लेकिन मनमोहन के मंत्री तो मालामाल हैं. सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री ना सिर्फ करोड़पति हैं, बल्कि दो साल में कइयों की संपत्ति 100 गुना से भी ज्यादा बढ़ गयी है. पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रियों ने पीएमओ में अपनी सपंत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया था. उन आंकड़ों का जब एसोसिएसन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म और इलेक्शन नेशनल वॉच ने विश्लेषण किया तो चौंकाने वाले नतीजे सामने आए.
एडीआर और एनईडब्ल्यू के मुताबिक सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री डीएमके के डॉक्टर एस जगतरक्षकन की संपत्ति 2 साल में 1092 फीसदी बढ़ी है. 2009 में जगतरक्षकन की संपत्ति करीब 6 करोड़ थी, जो अब बढ़कर 70 करोड़ से ज्यादा हो गई है. यानी दो साल में उनकी संपत्ति में 64 करोड़ से ज्यादा का इजाफा हुआ है.
इतना ज्यादा इजाफा तो केंद्रीय मंत्रियों में सबसे अमीर प्रफुल्ल पटेल की संपत्ति में भी नहीं हुआ. 2009 में प्रफुल्ल पटेल ने अपनी संपत्ति 78 करोड़ 82 लाख से ज्यादा बताई थी, जो 2011 में बढ़कर 1 अरब 22 करोड़ से ज्यादा हो गई है. पटेल की संपत्ति में करीब 42 करोड़ का इजाफा हुआ है.
अमीर मंत्रियों में तीसरे नंबर पर कमलनाथ हैं. जिनकी संपत्ति दो साल में 189 फीसदी बढ़ी है. 2009 में कमलनाथ ने अपनी संपत्ति 14 करोड़ 17 लाख, 70 हजार 37 रुपये बताई थी, 2011 में उन्होंने इससे 26 करोड़ ज्यादा संपत्ति बताई है. धनी मंत्रिय़ों में दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल भी पीछे नहीं हैं. उनकी संपत्ति 38 करोड़ से ज्यादा है. हालांकि, 2009 में भी उनके पास 30 करोड़ से ज्यादा की सपंत्ति थी.
एडीआर और एनईडब्ल्यू के मुताबिक मनमोहन सरकार के कई और मंत्रियों की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ है. कपड़ा राज्य मंत्री पानाबाका लक्ष्मी की संपत्ति दो साल में 828 फीसदी बढ़ी है. उनकी संपत्ति करीब पौने दो करोड़ से बढ़कर 16 करोड़ के ऊपर पहुंच गई है. जनजातीय कार्य राज्यमंत्री तुषारभाई चौधरी की संपत्ति में भी करीब 705 फीसदी का इजाफा हुआ है.
वायलार रवि की संपत्ति में भी 502 फीसदी का इजाफा दर्ज हुआ है. संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला 2009 में करीब 8 करोड़ के मालिक थे, अब उनकी संपत्ति 30 करोड़ से ऊपर पहुंच गई है. यानी 294 फीसदी का इजाफा. अश्विनी कुमार की संपत्ति करीब साढ़े आठ करोड़ से बढ़कर 25 करोड़ से ऊपर चली गई है. यानी इजाफा 193 फीसदी. जयंति नटराजन भी पीछे नहीं हैं. उनके पास अब 23 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है, जो 2009 की तुलना में 191 फीसदी ज्यादा है.
केंद्रीय कानून सलमान खुर्शीद ढाई करोड़ से सवा छह करोड़ की संपत्ति के स्वामी बन चुके हैं. संपत्ति में इजाफा 139 फीसदी. देश के सबसे अमीर मंत्रियों में शुमार वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की संपत्ति 14 करोड़ 90 लाख से बढ़कर 32 करोड़ 66 लाख हो गई है. ज्योतिरादित्य की संपत्ति में दो साल में 119 फीसदी का इजाफा हुआ है.
सुशील कुमार शिंदे ने इस बार अपनी संपत्ति 17 करोड़ 80 लाख से ज्यादा बताई है. ये 2009 की तुलना में 9 करोड़ ज्यादा है. यानी 107 फीसदी का इजाफा. एडीआर और एनईडब्ल्यू के मुताबिक मिलिंद देवड़ा की संपत्ति में 89 फीसदी का इजाफा हुआ है. देवड़ा की संपत्ति पहले साढ़े 17 करोड़ थी जो बढ़कर 33 करोड़ को पार कर गई है. कृषि मंत्री शरद पवार की संपत्ति में भी 43 फीसदी का इजाफा हुआ है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सपंत्ति में भी 16 फीसदी इजाफा हुआ है. एडीआर और एनईडब्ल्यू के मुताबिक 77 में 59 मंत्री यानी 77 करीब फीसदी मंत्री करोड़पति हैं. 2009 में मंत्रियों की औसत संपत्ति 7.3 करोड़ थी. ये बढ़कर 10.6 करोड़ हो गई है. यानी मंत्रियों की संपत्ति में औसतन 3.3 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई.
दो साल में मंत्रियों की संपत्ति में 45 फीसदी का इजाफा. यकीनन ये आंकड़े आम आदमी की सरकार की छवि से मेल नहीं खाते. एक तरफ देश के ज्यादातर वेतनभोगी पिछले दो साल से मंदी और महंगाई की मार से परेशान हैं, दूसरी तरफ करोड़पति मंत्री. कहीं यही वजह तो नहीं कि सरकार आम आदमी का दर्द नहीं समझ पा रही.
जिन मंत्रियों की संपत्ति में आई गिरावट
जहां मनमोहन मंत्रिमंडल के 24 मंत्रियों की संपत्ति दो साल में सौ फीसदी से ज्यादा बढ़ गई, 15 मंत्री ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति में गिरावट दर्ज हुई है. कम से कम पीएमओ में उन्होंने जो संपत्ति जाहिर की है, उससे तो यही मतलब निकलता है. इन मंत्रियों की फेहरिस्त में शामिल हैं केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम, विदेश मंत्री एसएम कृष्णा, फारुख अब्दुल्ला, वीरप्पा मोइली और जयपाल रेड्डी जैसे धाकड़ मंत्री.
नि मंत्रियों ने 2009 की तुलना में अपनी संपत्ति में कमी बताई है. इसमें सबसे ऊपर हैं प्रनीत कौर. प्रनीत कौर ने 2009 में 42 करोड़ की संपत्ति बताई थी, लेकिन इस बार उन्होंने महज 1 करोड़ 89 लाख की संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया. इस लिहाज से प्रनीत कौर की संपत्ति दो साल में 96 फीसदी घटी है. वीरप्पा मोइली की संपत्ति में भी 95 फीसदी की गिरावट आई है. 2009 में मोइली 2 करोड़ 93 लाख के मालिक थे. मोइली के मुताबिक अब उनके पास सिर्फ 13 लाख 33 हजार की संपत्ति है.
फारुख अब्दुल्ला की संपत्ति में भी 93 फीसदी तक की गिरावट आई है. जयपाल रेड्डी की संपत्ति करीब साढ़े पांच करोड़ से घटकर 2011 में 60 लाख पर आ गई है. यानी रेड्डी की संपत्ति 89 फीसदी घटी है. पीएमओ में दिए गए ब्योरे के मुताबिक विदेश मंत्री एसएम कृष्णा की सपंत्ति भी 2009 के 5 करोड़ 34 लाख 94 हजार 748 रुपये से घटकर 2011 में 3 करोड़ 97 लाख 14 हजार 224 रुपये रह गई है.
यूं तो गृहमंत्री पी चिदंबरम अभी भी करीब 25 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन 2009 की तुलना में उनकी संपत्ति भी 11 फीसदी घटी है. मनमोहन सरकार की युवा मंत्री अगाथा संगमा की संपत्ति 66 लाख से घटकर 62 लाख रह गई है. इसी तरह जितिन प्रसाद की संपत्ति सवा तीन करोड़ से घटकर अब करीब डेढ़ करोड़ रह गई है. 2009 की तुलना में मंत्रियों की संपत्ति में फर्क का आंकड़ा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच ने जारी किया है.
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