Wednesday, March 14, 2012

रेल किराया तो बढ़ा, कब मिलेगी सुरक्षा ?


 केंद्रीय रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने रेल यात्री किराए में वृद्धि कर दी है। इसके साथ ही सुरक्षा की बातें भी की गई है। हालांकि आम लोगों का कहना है कि सुरक्षा के दावे तो सालों से किए जा रहे हैं,हादसा रोकने की बाते भी नई नहीं हैं। किराया तो तय दिन पर बढ़ ही जाएगा लेकिन सुरक्षा व्यवस्था कब और कैसे लागू होगी यह देखने वाली बात है।
मालूम हो कि रेल मंत्री की ओर से दो पैसे से लेकर 30 पैसे प्रति किलोमीटर तक किराया बढ़ाने का एलान किया है। इसके तहत अब कोलकाता से दिल्ली यातायात करने वालों के लिए स्लीपर श्रेणी में - 73 रूपए, एसी थर्ड क्लास- 146 रुपए, एसी सेकंड क्लास में - 219 रुपए और एसी फर्स्ट क्लास- 439 रुपए की वृद्धि की गई है। इसी तरह पटना से दिल्ली तक यातायात करने वालों के लिए वृद्धि इस तरह की गई है- स्लीपर-52 रूपए, एसी थर्ड क्लास- 104 रुपए, एसी सेकंड क्लास- 156 रुपए और एसी फर्स्ट क्लास में - 313 रुपए की वृद्धि की गई है। इसी तरह हावड़ा से लुधियाना या अमृतसर तक के लिए स्लीपर श्रेणी से यातायात करने वालों का किराया लगभग सौ रुपए तक बढ़ गया है ।
ज्यादातर रेल यात्रियों ने किराया बढ़ाए जाने का समर्थन किया है। तापस चक्रवर्ती का कहना है कि आईआरसीटीसी की सेवा भी बढ़िया की जानी चाहिए। राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेन में भी पर्याप्त सहूलत नहीं मिलती है। संदीप शर्मा के मुताबिक किराया बढ़ने से किसी तरह की समस्या नहीं है। लेकिन सुविधाएं बढ़ने चाहिए। आम तौर पर रेलगाड़ियां छह से लेकर आठ घंटे तक देरी से चलती हैं, एसी डिब्बों में चादरें तक साफ नहीं मिलती हैं। ट्रेन का खाना खाने योग्य नहीं होता है। उसमे सुधार की जरुरत है। इसी तरह हावड़ा बस स्टैंड के नजदीक जीतेंद्र साव का कहना था कि किराया वृद्धि उचित है लेकिन दलालों का तांडव बंद होना चाहिए जिससे यात्रियों को टिकट मिल सके।
गुरमीत सिंह ने अमृतसर-पटना-नांदेड़ साहिब रुट पर गुरु परिक्रमा ट्रेन चलाए जाने का स्वागत किया। उनका कहना था कि रेल मंत्री की ओर से धार्मिक स्थलों तक रेलगाड़ियां चलाया जाना स्वागत योग्य कदम है। लेकिन इसके साथ ही समय का भी ध्यान रखा जाना चाहिए।
मीनू सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हर साल की तरह इस साल भी कई नई रेलगाड़ियां चलाने का एलान किया गया है। इससे रेलवे रुट की व्यस्तता और ज्यादा बढ़ जाएगी। रेल मंत्री ने तेज गति से ट्रेन चलाने की घोषणा करते हुए कहा है कि अब कोलकाता से दिल्ली 17 के बजाए 14 घंटे में पहुंचा जा सकेगा पर अभी तक चल रही ट्रेनें तय समय पर चलेगी इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।
इसी तरह विमल सुरेका का कहना है कि रेल मंत्री ने नई पैसेंजर हेल्पलाइन, सुरक्षा सेंटर बनाए जाने, ट्रेनों की सेटेलाइट से ट्रैकिंग, रेलसुरक्षा निधि बनाने का एलान किया है। लेकिन यह काम कैसे और कब होगा, यह देखना बाकी है। इसी तरह रश्मि सिंह के मुताबिक सिग्नल, पुल, ट्रैक, संचार और स्टेशन पर जोरदेते हुए सिग्नल और ट्रैक पर ध्यान देने का एलान करते हुए मंत्री ने ग्यारह हजार किलोमीटर रेलवे लाइन बदलने की जरुरत बताई है। लेकिन इसके लिए रकम कहां से आएगी?
रेल मंत्री ने सरकारी बजट का दस फीसद रेलवे पर खर्च करने की जरुरत बताते हुए कहा है कि अगले 10 साल में रेलवे को 14 लाख करोड़ रुपए की जरुरत होगी। मंजीत कौर के मुताबिक इनमें से ढाई करोड़ रुपए बुनियादी ढांचे के तौर पर इस्तेमाल किए जाएंगे। हालांकि किराए बढ़ाए जाने से नाराज ममता दीदी के मंत्री ने यह नहीं बताया कि कहां से इतनी भारी रकम खर्च करेंगे। वित्त मंत्री सरकारी बजट में रेलवे के लिए प्रावधान रखेंगें ऐसा तो नहीं लगता।
गौरतलब है कि ज्यादातर लोगों की भावनाओं के मुताबिक रेल मंत्री ने सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया है। समस्या यह है कि यह कैसे की जाएगी और कब तक सुरक्षा व्यवस्था ठोस हो सकेगी, इसकी कोई समयसीमा उन्होंने तय नहीं की है। इसलिए लोगों का मानना है कि बजट में किराया वृद्धि ही खास रहा है। बाकी बातें तो हर साल की इस साल भी औपचारिकता के तौर पर की गई हैं। जब सुरक्षा का पक्का इंतजाम होगा और हादसे बंद करने की व्यवस्था होगी, तब उन्हें सफल माना जाएगा।

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