Sunday, April 22, 2012

पुलिस की मदद से 12 साल की लड़की ने अपनी शादी रुकवाई


 पुरुलिया जिले की रेखा कालिंदी, वीणा कालिंदी की ही तरह दक्षिण चौबीस परगना जिले के काशीपुर की हबीबा खातून ने परिवार वालों की ओर से जबरन विवाह किए जाने का विरोध ही नहीं किया उसे रुकवाने में भी सफलता प्राप्त की।
मालूम हो कि सोमवार को मुर्शिदाबाद जिले के मोइदुल शेख के साथ काशीपुर थाना इलाके के पोलेरहाट दो नंबर पंचायत के स्वरुपनगर की रहने वाली हबीबा (12) की शादी होने वाली थी। किशोरी कच्ची उम्र में शादी करने के बजाए पढ़ना चाहती है। उसने इस बारे में परिवार वालों को बताया भी। लेकिन किसी ने उसकी कोई बात नहीं सुनी। इसके बाद वह नजदीक के पुलिस थाने जा पहुंची शादी रुकवाने के लिए।
थाना प्रभारी ध्रुवज्योति बनर्जी को मामले का पता चला तो उसने होने वाले पति मोइदुल और हबीबा के परिवार वालों को थाने बुलाया। उन्हें समझाने के बाद होने वाली शादी टाल दी गई। हबीबा इससे खुश है। उसका कहना है कि उसकी उम्र अभी शादी करने की नहीं है। वह शादी करने के बजाए पढ़ना चाहती है। मां को इस बारे में बहुत समझाया लेकिन वह समझ ही नहीं रही थी। इसके बाद पुलिस अंकल कोजाकर घटना की जानकारी दी कि मेरे साथ क्या होने जा रहा है।
जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) केपी बारुई का कहना है कि किशोरी ने जिस तरह बाल विवाह का विरोध किया है वह प्रशंसनीय है। उसकी पढ़ाई पूरी हो सके इसक लिए किसी स्वयंसेवी संस्था से संपर्क किया जाएगा।
मालूम हो कि बाल विवाह की तैयारी को देखते हुए साल भर पहले पुरुलिया जिले की रेखा ने स्कूल के शिक्षकों की मदद से अपना विवाह रुकवा दिया था। इसी तरह जिले की वीणा ने भी हिम्मत दिखाई थी। लेकिन इसके बाद भी बाल विवाह किए जाने की घटनाएं बंद नहीं हुई हैं हबीबा की घटना से इसका पता चलता है।
गौरतलब है कि जयनगर हाई मदरसा में हबीबा छठवीं कक्षा में पढ़ती है। पिता जुल्फिकार मुल्ला मानसिक तौर पर बीमार है। मां मर्जिना बीबी सिलाई का काम करके परिवार का गुजारा करती है। पांच भाई-बहनों में हबीबा दूसरे नंबर की है। जिससे उसकी शादी तय की गई थी वह गांव में मिस्त्री का काम करता है। कुछ दिन पहले ही उनकी शादी तय की गई थी। पुलिस के मुताबिक मोइदुल शेख का कहना है कि लड़की की मां ने ही उसे अपनी बेटी से शादी करने का प्रस्ताव दिया था। जबकि महिला का कहना है कि आर्थिक तंगी के दौर में युवक ने शादी की बात की तो मैं इंकार नहीं कर सकी। पुलिस ने लड़की की पढ़ाई का आश्वासन दिया है, इससे मां खुश है। उसका कहना है कि मेरी बेटी की पढ़ाई पूरी हो सकेगी इससे खुशी की बात और क्या हो सकती है। इसलिए अब उसकी शादी नहीं करनी है।

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