सिद्दिका परवीन (25) रविवार को अपना इलाज को बीच में छोड़ घर
लौट गयी. वह राज्य के सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल एसएसकेएम (आइपीजीएमइआर)) में
पांच जुलाई से भरती थी. उसके पिट्यूटरी ग्लैंड में एक टय़ूमर है.
इस कारण वह एक दिन में पांच से सात किलो चावल खाती है. उसका वजन लगभग 160 किलो है और ऊंचाई आठ फीट तीन इंच है. उसके इलाज के लिए अस्पताल में मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ था. डॉक्टरों के अनुसार, सिद्दिका की एक सजर्री होनी थी. इसके बाद उसे हर महीने एक इंजेक्शन लेना पड़ता, जो पूरी जिंदगी चलती. एक इंजेक्शन का मूल्य 55 हजार रुपये है.
गौरतलब है कि अब तक उसके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही थी. उसके परिजनों का आरोप है कि सिद्दिका एक माह से इस अस्पताल में भरती थी, लेकिन उसकी स्थिति जस की तस है.
उसके इलाज में कोताही बरती गयी. अस्पताल में सिद्दीका को भर पेट भोजन भी नहीं मिल रहा था. उसके परिजनों को यह डर सता रहा है कि अगर सजर्री के बाद इस इंजेक्शन का खर्च सरकार से नहीं मिले, तो फिर उसके लिए काफी समस्या होती.
सिद्दिका के पिता किसान हैं. उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह बेटी का इलाज करा सकें. इसलिए वह अपनी बेटी को लेकर घर लौट आये. सिद्दिका के पिता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर लापरवाही बरत रहे थे. वह जिस बेड पर सोती थी, उसकी लंबाई भी कम थी. इस तरह की कई परेशानियों की वजह से वह सिद्दिका का इलाज करवाये बगैर लौट गये.
इस कारण वह एक दिन में पांच से सात किलो चावल खाती है. उसका वजन लगभग 160 किलो है और ऊंचाई आठ फीट तीन इंच है. उसके इलाज के लिए अस्पताल में मेडिकल बोर्ड का गठन हुआ था. डॉक्टरों के अनुसार, सिद्दिका की एक सजर्री होनी थी. इसके बाद उसे हर महीने एक इंजेक्शन लेना पड़ता, जो पूरी जिंदगी चलती. एक इंजेक्शन का मूल्य 55 हजार रुपये है.
गौरतलब है कि अब तक उसके इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन कर रही थी. उसके परिजनों का आरोप है कि सिद्दिका एक माह से इस अस्पताल में भरती थी, लेकिन उसकी स्थिति जस की तस है.
उसके इलाज में कोताही बरती गयी. अस्पताल में सिद्दीका को भर पेट भोजन भी नहीं मिल रहा था. उसके परिजनों को यह डर सता रहा है कि अगर सजर्री के बाद इस इंजेक्शन का खर्च सरकार से नहीं मिले, तो फिर उसके लिए काफी समस्या होती.
सिद्दिका के पिता किसान हैं. उनकी आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है कि वह बेटी का इलाज करा सकें. इसलिए वह अपनी बेटी को लेकर घर लौट आये. सिद्दिका के पिता ने आरोप लगाया कि अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टर लापरवाही बरत रहे थे. वह जिस बेड पर सोती थी, उसकी लंबाई भी कम थी. इस तरह की कई परेशानियों की वजह से वह सिद्दिका का इलाज करवाये बगैर लौट गये.
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