Tuesday, August 7, 2012

कानून वालों को सिखाया जाए कानून


देश में कानून की रखवाली करने वालों को कानून के बारे में ही जानकारी नहीं है। इसलिए आम लोगों का कहना है कि कानून व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के लिए जरूरी है कि सबसे पहले पुलिस अधिकारियों को कानून की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। इस बारे में लगातार शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए। जिससे कोई यह न कह सके कि भारतीय दंड विधान की धारा में क्या है, कानून क्या है, इस बात की उन्हें जानकारी नहीं है। हावड़ा जिले के बाली थाना इलाके में एक गृहवधू का उससे ससुराल वालों ने जबरन गर्भपात करवाया। पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, दोबारा गर्भपात करने से पहले बच्चे का लिंग निर्धारण कराना चाहते थे , महिला ने पुलिस से शिकायत की । लेकिन पुलिस ने इस बारे में कुछ नहीं किया। मामले की जानकारी मिलने पर महिला आयोजन की प्रमुख सुनंदा मुखर्जी  जब सोमवार बाली थाने गई और पूछताछ की तो उनके साथ लोगों को भी सदमा लगा। मुखर्जी के मुताबिक थाना प्रभारी दीपक सरकार ने बताया कि उन्हें मालूम ही नहीं है कि कानून के मुताबिक गर्भस्थ शिशु का लिंग निर्धारण करवाना दंडनीय है। आईपीसी की किस धारा के तहत इसे दंडनीय माना गया है, इसकी मुझे जानकारी नहीं है।
इस बारे में एक महिला का कहना है कि जब कानून के रखवालों को ही पता नहीं है कि कौन सा कानून दंडनीय है तो अपराधियों को कैसे सजा मिल सकेगी। मालूम हो कि लिंग निर्धारण करवाने से इंकार करने वाली महिला रंजना प्रसाद की शिकायत के बाद पुलिस ने  वधू की पिटाई करने के आरोपियों में  सास सावित्री प्रसाद, ससुर गोविंद प्रसाद व देवर को गिरफ्तार करने के बाद  अदालत में सीजेएम में पेश किया गया था। सुनवाई के दौरान अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए सात दिनों तक जेल हिरासत में रखने का निर्देश दिया। जानकारी के अनुसार बाली थाना की रहने वाली रंजना प्रसाद की पहले से ही एक बेटी है। कुछ दिन पहले ही वह गर्भवती हुई थी। इसकी खबर मिलते ही ससुरालवाले यह नहीं चाहते थे कि वह फिर से बच्ची को जन्म दे। इसी वजह से वे कुछ दिनों से उस पर दबाव दे रहे थे कि वह लिंग निर्धारण  करा ले जिससे  पता चल जाए कि उसके पेट में बच्चे का लिंग क्या है। इसके पहले भी ससुराल वालों ने ऐसा ही किया था।  इसके लिए प्री नाटाल डायगनोस्टिक टेकनीक (प्रोहीबीशन आफ सेक्स सिलेक्शन) एक्ट 1994 समेत भारतीय दंड विधान की धारा के तहत व्यक्ति को अभियुक्त बनाया जा सकता है। लेकिन पुलिस वालों को इसका पता नहीं था, इसलिए ऐसा नहीं किया गया। बाली थाने के एक पुलिस अधिकारी ही मानते हैं कि पुलिस को कानून की जानकारी नहीं थी लेकिन इसके बावजूद आईपीसी की धारा 313 (जबरन मिस कैरेज) की धारा लगाई गई, इसका कारण यह था कि गर्भवती महिला के पेट में लाठी मारी गई थी। लेकिन गर्भपात नहीं होने पर अभियुक्त सजा से बच सकते हैं।
इसी तरह जगाछा थाना इलाके में कोना एक्सप्रेस वे के नजदीक एक महिला का बलात्कार किया गया था, महिला ने एक पुलिस अधिकारी से शिकायत की। लेकिन उसने सलाह देते हुए कहा कि चुपचाप घर चली जाओ। इसके बाद थाने में भी शिकायत दर्ज नहीं की गई। मीडिया में चर्चा होने पर एएसआई को निलंबित किया गया । ज्यादातर लोगों का कहना है कि पुलिस वालों को कानून की जानकारी नहीं होने के कारण ही ऐसा किया जा रहा है।  इस मामले में आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस की ओर से को  पीड़ित महिला  को लेकर सातारागाछी ब्रिज के पास स्थित घटनास्थ का दौरा किया गया। । इसके बाद उससे घटना के संबंध में पूरी जानकारी ली गई। वारदात को नाटकीय रुप में प्रस्तुत करने का भी प्रयास किया गया। इस दौरान महिला ने आरंभ से लेकर अंत तक हुई समस्त घटना को पुलिस के सामने एक बार फिर बयान किया।  जिस झाड़ी में उसके  साथ दुष्कर्म किया गया था वहां पहुंच कर पुलिस ने सबूत  तलाशने का प्रयास किया। बताया गया है कि आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस की ओर से  जारी स्केच भी काम नहीं आ सका है। स्केच जारी करने के छह  दिन बाद भी पुलिस को आरोपी के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं मिल सकी है।  गौरतलब है कि 25 जुलाई की सुबह यह घटना हुई थी। 
दूसरा ओर हावड़ा  जिले में ही गंगा में बंटी नामक युवक  के डूबने की सूचना देने वाले और इस घटना के चश्मदीद गवाह उसके तीन दोस्तों के खिलाफ पुलिस ने  हत्या का मामला दर्ज कर लिया है लेकिन अब तक इस मामले में न तो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और न उनसे पूछताछ ही की गई है। इस मामले के तीन आरोपियों और बंटी के दोस्त राहलु वर्मा, अजय शर्मा  और नवीन प्रसाद ने 18 जून की शाम बंटी के घरवालों को खबर की थी कि उनका बेटा गंगा में डूब गया है। जब घर वाले  मौके पर पहुंचे तो घटनास्थल  से उसकी मोटरसाइकिल, कपड़े, मोबाइल फोन सब कुछ उन्हें मिल  गया। आरोपियों की गवाही के बाद पुलिस ने गंगा में उसकी तलाश शुरू की। उसके पिता ने स्पीड बोट से हुगली नदी  को छान डाला लेकिन बंटी का पता नहीं चल सका।  लाश नहीं मिलने के कारण पुलिस किसी को गिरफ्तार भी नहीं कर रही है।
पार्क स्ट्रीट इलाके में कार में एक महिला के साथ बलात्कार की घटना के बाद सांतरागाछी   की घटना और चार दिन पहले बर्दवान जिले के कटवा में स्कूल जा रही छह साल की लड़की का दो लोगों ने बलात्कार किया था। इसके बाद उत्तर चौबीस परगना जिले के  सोदपुर में पुल कार में दूसरी कक्षा की एक छात्रा से बलात्कार की घटना हुई है। हावड़ा और कोलकाता में कई लोगों ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि पुलिस वालों को कानून की जानकारी नहीं होने पर ही ऐसा हो रहा है, इसलिए पुलिस अधिकारियों को कानून की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही आम लोगों के साथ पुलिस को कैसे व्यवहार करना चाहिए, इस बारे में भी प्रशिक्षण दिये जाने की आवश्यकता है। ऐसा किया गया तो कानून का राज लागू हो सकेगा। 

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