Thursday, July 26, 2012

बलात्कार की शिकार महिला को पुलिस वाले ने घर जाने की सलाह दी


 राज्य में महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद पुलिस वाले महिलाओं की मदद करना तो दूर बलात्कार पीड़ित महिलाओं से मानवता के नाते भी व्यवहार करने के लिए तैयार नहीं है। जब मामला मीडिया तक पहुंचता है तो मजबूर होकर प्रशासन को कार्रवाई करनी पड़ती है लेकिन इसके बाद भी पुलिस वालों के खिलाफ कोई ठोक कार्रवाई नहीं होती, जिससे हालत में सुधार नहीं हो रहा है। इसी तरह की एक घटना बुधवार को हावड़ा जिले में हुई, जब पुलिस वालों का चेहरा एक बार फिर बेनकाब हुआ।  सांतरागाछी के नजदीक एक महिला का बलात्कार हुआ, वह मदद से लिए चीख-पुकार मचाती रही  लेकिन किसी ने उसकी मदद नहीं की। पुलिस वालों  से भी मदद की गुहार की गई लेकिन उसकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं की गई। हावड़ा पुलिस के उपायुक्त (मुख्यालय) निशाद परवेज ने पत्रकारों को गुरुवार को बताया कि जगाछा थाने के एएसआई निर्मलेंदु घोष को निलंबित किया गया है। उसे पीड़ित महिला की मदद नहीं करने और घटना की जानकारी जगाछा थाने को नहीं देने के मामले में एएसआई को निलंबित किया गया है।
मालूम हो कि बलात्कार पीड़ित  महिला के मुताबिक सांतरागाछी इलाके में कोना एक्सप्रेस वे के नजदीक एक युवक पुल के नीचे जबरन खींच कर ले गया और बलात्कार किया। उसका विरोध करने का प्रयास किया तो जमकर पिटाई की गई। यह घटना बुधवार तड़के पांच बजकर दस मिनट की है। बलात्कार करने के बाद लगभग साढ़े पांच बजे युवक भागने लगा तो शोर मचाया, लेकिन खून से लथपथ, पीड़ित महिला का कहना है कि किसी ने उसकी मदद नहीं की। 5.35 बजे कोना एक्सप्रेस वे के नजदीक एक पुलिस वाले से मदद मांगी तो उसने घर जाने की सलाह दी। इसी हालत में लगभग तीन किलोमीटर दूर पैदल चलकर सुबह छह बजे जगाछा थाने पहुंची और बलात्कार होने की शिकायत की। लेकिन वहां ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी ने शिकायत दर्ज नहीं की। सुबह साढ़े छह बजे घर से फिर थाने पहुंची। दबाव में पुलिस वालों ने एफआईआर के बजाए जनरल डायरी (जीडी)  दर्ज की। इसके बाद परिवार के लोगों ने सात बजे पीड़ित महिला को हावड़ा जनरल अस्पताल में भर्ती किया। सुबह ग्यारह बजे पूछताछ शुरू की गई और बलात्कार की शिकायत दर्ज की गई। महिला की डाक्टरी जांच की भी सिफारिश की गई।
मालूम हो कि इससे पहले भी कई घटनाएं हुई हैं, जब पुलिस ने पीड़ित महिला की शिकायत दर्ज नहीं की। पांच फरवरी को पार्क  स्ट्रीट में बलात्कार पीड़ित एक महिला शिकायत दर्ज कराने पहुंची तो पुलिस वालों ने उससे अश्लील व्यवहार किया। आठ मार्च विशरपाड़ा में बलात्कार का विरोध करने पर हत्या कर दी गई और शिकायत दर्ज करने के मामले में दो थाने एक दूसरे का इलाका बताते रहे। 15 अप्रैल बाईपास के नजदीक युवती को शिकायत दर्ज कराने के लिए कई पुलिस थानों के चक्कर लगाने पड़े। 23 अप्रैल कालीघाट में प्रताड़ित एक महिला को थाने में पता नहीं क्या सुनना पड़ा था। 26 जून पति की दूसरी शादी रोकनेके प्रयास में चितपुर थाने में एक युवती को परेशान होना पड़ा था, बाद में मानवाधिकार कार्यकर्ता और मीडिया के कारण मजबूर होकर पुलिस कार्रवाई करनेके लिए मजबूर हुई थी।

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