Tuesday, March 4, 2014

रेलवे यात्रियों को देना होगा हलफनामf

 रेलवे में नित्य यात्रा करने वालों को आंदोलन से दूर रखने के लिए रेलवे की ओर से विशेष योजना तैयार की गई है। इसके तहत ट्रेनों के देरी से आने या दूसरी किसी वजह से रेल रोको आंदोलन में शामिल होने और इसके बाद रेलवे की संपति तोड़ने-फोड़ने वालों को अब कम किराए में सफर करने की सुविधा हासिल नहीं होगी। ऐसा करने के बाद पकड़े जाने पर उन्हें मासिक टिकट या पास नहीं दिया जाएगा, पुराना तो जब्त हो जाएगा। रेलवे के नए नियमों के मुताबिक  मासिक या त्रैमासिक टिकट लेकर प्रतिदिन रेलवे में सफर करने वालों को हलफनामा देना होगा कि वे किसी भीतरह की हिंसक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे और इसके बाद पकड़े जाने पर उन्हें मासिक टिकट नहीं मिलेगा।मालूम हो कि 13 फरवरी की रात नौ बजे सियालदह स्टेशन जंग के मैदान में तब्दील हो गया था। प्रतिदिन रेलगाड़ियांदेरी से आने के विरोध में यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। इसके बाद नाराज लोगों ने सियालदह   मेन शाखा में जमकर उत्पात मचाया। ट्रेनों में तोड़फोड़ करके ही उनका गुस्सा शांत नहीं हुआ आरोप है कि रेलवे कर्मचारियों की भी यात्रियों ने पिटाई की थी।इसके अलावा रानाघाट लोकल से पहले लालगोला पैसेंजर को पास करा दिया गया था। सियादलह मेन शाखा में एक घंटे से भी ज्यादा समय तक रेलगाड़ियां रोक डाली। इसके बाद उन्होंने ट्रेन के गार्ड और चालक को भी पीट दिया। ऐसी घटनाएं पूर्व रेलवे के सियालदह शाखा में कोई नई बात नहीं है। लेकिन नई बात यह है कि अगर ऐसी किसी घटना के दौरान रेलवे पुलिस या आरपीएफ  आपको गिरफ्तार करती है तो जिंदगी में कभी भी दोबारा मासिक टिकट नहीं हासिल कर सकेंगे। ऐसे लोगों को प्रतिदिन रेलवे का टिकट कटा कर ही यातायात करना होगा।सूत्रों के मुताबिक रेलवेबोर्ड की ओर से इस तरह का फैसला किया गया है। सियालदह और हावड़ा समेत राज्य के कई स्टेशनों पर इस बारे में सूचना लगा दी गई है। इसमें कहा गया है कि मासिक टिकट लेने वालों को रेलवे की ओर से जारी किए गए एक फार्म के मुताबिक हलफनामा भर कर देना होगा। इसमें यात्रियों को हलफनामा दायर करके बताना होगा कि वे ट्रेन या प्लेटफार्म पर किसी भी तरह के समाजविरोधी काम में शामिल नहीं होगे। लेकिन अगर रेलवे की संपति तोड़फोड़ करते हुए, रेलवे कर्मचारी से मारपीट करने जैसे किसी आपराधिक काम में शामिल पाया गया तो उनका मासिक टिकट तो रद्द होगा ही, वह यात्री सारी जिंदगी ट्रेन में मासिक टिकट पर सफर नहीं कर सकेगा।सूत्रों का कहना है कि कई स्टेशनों पर यह व्यवस्था शुरू भी हो गई है। वहां मासिक टिकट लेने वाले यात्रियों को एक फार्म थमा दिया जाता है। फार्म भरने के बाद रेलवे क्लर्क को जमा देने के बाद ही मासिक टिकट दिया जा रहा है। हालांकि रेलवे की ओर से जारी किए गए आदेश से यात्री परेशान हैं। कुछ लोगों का कहना है कि रेलवे का फैसला सही है वहीं कुछ लोग मानते हैं कि इसका कोई फायदा नहीं होगा।कई नित्ययात्रियों का कहना है कि रेलवे के इस फैसले से ऐसा लगता है कि रेलवे यात्रियों की आवाज बंद करना चाहता है। वह  मर्जी के मुताबिक रेलगाड़ियां चलाए लेकिन कोई इसका विरोध नहीं करे कि ट्रेन देरी से चल रही है या रद्द कर दी गई है। किसीतरह की सुनवाई नहीं होगी। दक्षिण पूर्व रेलवे की लोकल ट्रेनों के यात्री परेशान रहते हैं क्योंकि कोई भी ट्रेन समय पर नहीं आती। सालों से यह चल रहा है क्योंकि विरोध नहीं होता। मौड़ीग्राम के एक यात्री के मुताबिक सुबह 7.44 के बाद लगभग एक घंटे बाद हावड़ा के लिए ट्रेन आती है। इसके बीच एक ट्रेन चलती है लेकिन वह सिर्फ सांतरागाछी तक जाती है। रेलवे लोगों की जुबान बंद करने के फरमान तो जारी करता रहता है, किराया वृद्धि करता रहता है लेकिन यात्री सुविधाओं-समस्याओं की सुध लेने की फिक्र नहीं दिखती है।  

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