Wednesday, December 5, 2012

11 दिसंबर से 6 सरकारी अस्पतालों में राजस्थान मॉडल


 लंबे समय बाद आखिर सस्ती दवा की दुकानें खुलने जा रही हैं।  राज्य सरकार की ओर से इस बारे से बीते कई महीनों से कहा जा रहा था। सबसे पहले छह अस्पतालों में सस्ती दवाकी दुकानें खोली जा रही हैं। इसके बाद चरणबद्ध तरीके से दूसरे 29 अस्पतालों में दुकाने चालू होंगी। आगामी ग्यारह दिसंबर को प्रथम चरण की दुकानों का उद्घाटन होगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी मॉडल) के तहत राज्य सरकार सस्ती दवाकी दुकानें खोल रही है। मालूम हो कि राजस्थान सरकार ने इस तरह की दुकानें खोल कर दवाओं की कीमतों में भारी कमी करने में पहले ही सफलता प्राप्त की है। बताया जाता है कि  हालात ऐसे हो गए हैं कि अब वहां दवा बेचने वाले दुकानदार और प्राइवेट अस्पताल वाले भी ‘फेयर प्राइस स्टोर’ से दवाएं खरीद रहे हैं। इसलिए राज्य सरकार की ओर से राजस्थान मॉडल को लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।
  स्वास्थ्य राज्य मंत्री चंद्रिमा भट््टाचार्य का कहना है कि सस्ती दवाकी दुकानें खोलने की परियोजना के तहत सबसे पहले आगामी 11 दिसंबर को कोलकाता मेडिकल कालेज, उत्तर बंगाल मेडिकल कालेज, जलपाईगुड़ी अस्पताल, बारासात अस्पताल, एमआर बांगुर और मेदिनीपुर मेडिकल कालेज अस्पताल में उन्हें खोला जा रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कलकत्ता मेडिकल कालेज अस्पताल में सस्ती दवा की दुकान का उद्घाटन करेंगी जबकि उसी दिन दूसरे सभी अस्पतालों में राज्य के दूसरे मंत्री दुकानों का उद्घाटन करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक सस्ती दवा की दुकानें ‘फेयर प्राइस स्टोर’ लगातार 24 घंटा खुले रहेंगे और वहां 142 प्रकार की जेनेरिक दवाएं उपलब्ध होंगी। यहां दवा पर छपी कीमत ( एमआरपी) पर 66 फीसद तक छूट प्राप्त होगी। माना जा रहा है कि ऐसी दवा की दुकानों की बिक्री बढ़ने से दवाएं सस्ती होंगी और डाक्टरों और दलालों के प्रकोप से मरीज और उनके रिश्तेदारों को राहत मिल सकेगी।

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