Tuesday, March 26, 2013

महिला को मर्जी के खिलाफ रंग लगाने पर हो सकती है सात साल तक की जेल



कोलकाता, 26 मार्च (रंजीत लुधियानवी)। मंगलवार को किसी को रंग लगाने से पहले सौ बार सोच लीजीए कहीं लेने के देने न पड़ जाएं। रंगबाज बन कर खुश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि शिकायत मिलने पर सात साल तक की सजा भी हो सकती है। इसके अलावा किसी भी तरह की शिकायत मिलने पर पुलिसकुछ भी कर सकती है। इसलिए सतर्क रहने में ही फायदा है। कोलकाता पुलिस की ओर सेजारी एक विज्ञप्ति के मुताबिक 27 और 28 मार्च को सुबह सात बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक महानगर के 54 रास्तों व 144 धारा जारी किए गए रास्तों पर शोभायात्रा के मौके पर किसी  भी तरह का माइक्रोफोन व्यवहार नहीं किया जा सकेगा। इसके अलावा पुलिस ने चौकसी के व्यापक प्रबंध किए हैं। जिससे किसी भी तरह की अप्रत्याशित घटना को रोका जा सके।
इधर किसी महिला की मर्जी के खिलाफ रंग लगाने पर शिकायत की गई तो आईपीसी की धारा 376 (क) के तहत अभियुक्त व्यक्ति को सात साल तक सश्रम कारावास की सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके साथ ही जुर्माना भी देना पड़ सकता है। मालूम हो कि दी क्रिमिनल आर्डिनेंस ला ( एमेंडमेंट) आर्डिनेंस 2013 के आधार पर बनाए गए नए बलात्कार विरोधी कानून के मुताबिक महिला की छाती पर हाथ लगाना गैर जमानती अपराध है।
इस मामले में शील भंग करने के प्रयास का आरोप दायर हो सकता है।इसकेतहत धारा 354 में शिकायत दर्ज होने पर धारा 354 (क ) और (ख) में मामला दर्ज हगा और अधिकतम पांच साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। जबकि धारा 354 में ग और ड के तहत मामला होने पर एक साल तक जेल जुर्माना या दोनों हो सकता है। इसके साथ ही मानहानि का आरोप भी दर्ज किया जा सकता है। इस कानून के मुताबिक आईपीसी की धारा 509 में तीन साल तक जेल या जुर्माना या दोनों हो सकता है। सभी धाराओं में जमानत नहीं होगी क्योंकि गैर जमानती धाराएं हैं।
दू सरी ओर किसी पुरुष को जबरन रंग लगाने पर भी सजा का प्रावधान है। इस मामले में भारतीय दंड विधान की धारा 341 और 342 के तहत किसी व्यक्ति को जबरन बंधक बनाने और किसी व्यक्ति को एक जगह रोक कर रखने का मामला दायर हो सकता है। धारा 341 के तहत एक महीने की जेल या 500 रुपए जुर्माना या दोनों, और धारा 342 के तहत जेल और एक हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। हालांकि दोनों मामले जमानत योग्य हैं।
इसके अलावा कोलकाता पुलिस एक्ट की 68 (घ), 66 धारा और कैलकाता सबर्बन पुलिस एक्ट की धारा 41 (ख) 66 धारा में भी मामला दायर किया जा सकता है। इस मामले में पुलिस 100 रुपए जुर्माना वसूल सकती है और दोनों धाराएं जमानत योग्य हैं।

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