Sunday, November 25, 2012

कंप्यूटर की जानकारी नहीं रखने वाले अब क्लर्क भी नहीं बन सकेंगे


  कोलकाता, 25 नवंबर (जनसत्ता)। अब क्लर्क की नौकरी के लिए भी कंप्यूटर की जानकारी होनी चाहिए। राज्य सरकार के दफ्तरों में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) पद के लिए कंप्यूटर की जानकारी आवश्यक की गई है। इस बारे में वित्त विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि क्लर्क पद के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त संस्था से कम से कम छह महीने का कंप्यूटर पाठ्यक्रम किया होना चाहिए। इतना ही नहीं कंप्यूटर के बारे में जानकारी रखने के साथ ही अंग्रेजी और बांग्ला में टाइप करना भी आना चाहिए । अंग्रेजी में प्रति मिनट 35 और बांग्ला में 25 शब्द टाइप करने की स्पीड होनी चाहिए।
राज्य सरकार के सर्कुलर में कहा गया है कि नौकरी की परीक्षा में कंप्यूटर की परीक्षा नहीं ली जाएगी। लेकिन नौकरी मिलने के बाद इस बारे में परीक्षा ली जाएगी। राज्य में सरकारी कर्मचारियों के लिए साल में दो बार कंप्यूटर परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। परीक्षा में फेल होने वाले सरकारी कर्मचारियों की सालाना वेतन वृद्धि या इंक्रीमेंट रोक दिया जाएगा। वित्त सचिव की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा ग  या है कि पब्लिक सर्विस कमिशन (पीसीएस) और स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (एसएससी) के माध्यम से क्लर्क की नियुक्ति के लिए उक्त प्रावधान लागू होंगे। ग्रूप डी में नियुक्त हुए कर्मचारी प्रमोशन पाकर क्लर्क बनेंगे तो उन्हें भी कंप्यूटर की परीक्षा देनी होगी।
मालूम हो कि पहले राज्य में क्लर्क बनने के लिए टाइपिंग जानना जरुरी था। इसके लिए एक स्पीड भी तय की गई थी। नौकरी मिलने के बाद कनफर्म होने के लिए इसकी परीक्षा ली जाती थी। लेकिन 1984 में यह परीक्षा बंद कर दी गई। इन दिनों सरकारी दफ्तरों में टाइपराइटर का काम लगभग बंद हो गया है। यह काम अब कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है। टाइप कैडर को इस बीच डाइंग घोषित किया गया है। 2003 तक राज्य में टाइपिंग के लिए लोगों की नियुक्ति की गई थी। विभिन्न विभागों में कई हजार बांग्ला और अंग्रेजी टाइपिस्ट काम कर रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों का क्या किया जाएगा, इस बारे में राज्य सरकार के अधिकारी चिंतित हैं। कुछ टाइपिस्ट तो कंप्यूटर पर काम करते हैं लेकिन बताया जाता है कि ज्यादातर बेकार हैं।
सूत्रों ने बताया कि राईटर्स बिल्डिंग में कर्मचारी और प्रशासनिक संस्था के सचिव ने टाइपिस्टों के भविष्य को लेकर कर्मचारी संगठन के साथ बैठक की थी। इसमें उन्होंने टाइपिस्टों को एलडीसी करने का सुझाव पेश किया,कर्मचारी संगठनों ने इस बारे में नाराजगी प्रकटकी है। उनका कहना है कि सालों से काम करने वाले कर्मचारी की वरिष्ठता प्रभावित हो सकती है। एलडीसी बनने पर ग्रेडेशन सूची में उनका नाम सबसे नीचे होगा। उनसे पहले जुनियर कर्मचारियों को पहले प्रमोशन मिल जाएगा। हालांकि बैठक में इस बारे में कोई सहमति नहीं बन सकी लेकिन राज्य सरकार का कहना है कि सरकारी काम में तेजी लाने के लिए कंप्यूटर की जानकारी जरुरी है। बगैर काम के लोगों को बैठा कर वेतन नहीं दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सरकारी कर्मचारियों की नौकरी की उम्र बढ़ाने की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर क्लर्को की भर्ती के लिए उम्र 18 साल से लेकर 40 साल तक की गई है।

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