Sunday, December 11, 2011

जब एक डाक्टर ने किया 83 लोगों का पोस्टमार्टम


एक डाक्टर ने भूख-प्यास तजकर लगातार 13 घंटे 20 मिनट की अनथक मेहनत करके 83 लोगों को पोस्टमार्टम किया। यह घटना नौ दिसंबर की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एसएसकेएम के शवगृह के बाहर आमरी अग्निकांड में दम घुटने से मरे लोगों के परिवार वालों से माइक हाथ में थामे नाराज लोगों को शांत करने के साथ ही कह रही थी कि चिंता मत करें , आपके रिश्तेदारों का शव जल्द ही आपको सौंपा जा रहा है।
दूसरी ओर डाक्टर विश्वनाथ काहली भीतर पोस्टमार्टम करने में व्यस्त थे। उस दिन को याद करते हुए वे बताते हैं कि सुबह सवा छह बजे सुबह की सैर (मार्निंग वाक) के दौरान अचानक फोन मिला कि इमरजंसी है। तकरीबन छह बजे एसएसकेएम अस्पताल पहुंचने पर देखा कि चार टेबल पर चार लाशें पड़ी हैं। अपने चार सहायकों के साथ पोस्टमार्टम करने में जुट गए। इसके बाद सिलसिला शुरू हुआ और एक के बाद दूसरी लाश वहां पहुंचने लगी और वे बगैर कुछ खाए -पिए अपने काम में जी-जान से जुटे रहे। सुबह नौ बजकर 40 मिनट से शुरू हुआ काम आखिर रात ग्यारह बजे थमा तो उन्होंने राहत की सांस ली कि आखिर अपने काम में सफल रहे ।
दुखद शुक्रवार को याद करते हुए वे कहते हैं कि लाशों के तौर पर मेज पर पड़े सभी लोगों को देख कर ऐसे लग रहा था कि वे लोग सो रहे हैं। किसी के चेहरे पर भी शिकन नहीं थी। ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई थी। उनके चेहरे पर कार्बन के धुँए के कारण जरुर कालिख सी लगी हुई थी। मरने वाली लगभग सभी मरीज थे। उनके हाथ-पैर में प्लास्टर लगा हुआ था। कई लोगों के सलाईन के पाइप भी लगे थे। आग के बाद फैले धुंए से बचने में नाकाम रहने के कारण ही उनकी मौत हुई थी। दो किशोर नर्स लड़कियों की लाश भी 83 लोगों में शामिल थी। उन्होंने अस्पताल की वर्दी पहनी हुई थी।
हालांकि उनका कहना है कि एक साथ इतने लोगों का पोस्टमार्टम करने में उन्हें ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इससे पहले 1988 में उत्तर चौबीस परगना जिले के बैरकपुर शवगृह में इससे भी बड़े हादसे में मरने वालों के शव का पोस्टमार्टम किया गया था। दो बसों एक साथ जलाशय में जा गिरी थी और 130 लोगों की मौत हो गई थी, उन सभी लोगों का पोस्टमार्टम काहली ने ही किया था। डाक्टरी की पढ़ाई के दौरान मास डिजास्टर की शिक्षा से यह फायदा मिला कि शव देखकर मन ज्यादा व्यथित नहीं होता। शुक्रवार भी रात दो बजे घर पहुंचने के बाद दो बार स्नान किया और फिर पहले की तरह तरोताजा होकर सो गया।

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