Sunday, September 11, 2011

शादी का गुनाह किया तो स्कूल से छुट््टी

कोलकाता, 11 सितंबर (रंजीत लुधियानवी )। दसवीं कक्षा की एक किशोरी ने शादी करने का गुनाह किया तो उसे प्रबंधन की ओर से स्कूल में प्रवेश पर मनाही जारी कर दी गई है। इसलिए बीते छह महीने से स्कूल के दरवाजे से छात्रा को वापस लौटना पड़ रहा है। छात्रा की मां ने इस बारे में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के शिक्षा मंत्री से शिकायत की है। स्कूल में घुसने से रोके जाने पर छात्रा का भविष्य अंधकारमय हो गया है। हुगली जिले के चुंचूड़ा के पांच नंबर वार्ड के विक्रमनगर हरनाथ निरोदासुंदरी स्कूल की छात्रा है। वह बंडेल के नारायणपुर में रहती है। अपने आवेदन में शिकायत की गई है कि कई बार स्कूलजाने से रोका गया है लेकिन ऐसा नहीं करने दिया गया है।
छात्रा का कहना है कि राज्य सरकार एक ओर स्कूल छोड़ने वालों को स्कूल में वापस लौटाने का प्रयास किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर वह पढ़ना चाहती है तो उसे पढ़ने से रोका जा रहा है। विवाह के बाद महज चार दिन तक स्कूल में पढ़ने दिया गया था। तब उन्हें पता ही नहीं था कि शादी हुई है। जब शादी के बारे में पता चला तो स्कूल में घुसने से रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि शादी हो गई है अब पढ़ाई छोड़ कर परिवार में ध्यान दो।
मालूम हो कि छात्रा के पिता सुनील हाजरा रिक्शा चलाते हैं। मां रुपा हाजरा लोगों के घरों में नौकरानी का काम करती है। बेटी ने अपनी मर्जी से शादी की है। हमलोगों ने सोचा था कि भले ही उसने गलती की है लेकिन घर में रहकर ही दसवीं कक्षा पास कर ले। बेटी की पढ़ाई के लिए ही लोगों के घरों में काम करती रही हूं। इस बारे में शिक्षकों से भी गुहार लगाई गई है लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इलाके के लोगों से भी इस बारे में शिकायत की गई है लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। क्या शादी करने के बाद पढ़ाई नहीं की जा सकती है।
स्कूल के प्राधानाध्यापक अनिमेष मुखर्जी के मुताबिक प्रबंधन समिति ने फैसला किया है कि शादीशुदा लड़कियां स्कूल में नहीं पढ़ सकती हैं। इससे स्कूल का अनुशासन भंग हो सकता है। इतना ही नहीं छात्रा की उम्र अभी 18 साल भी नहीं हुई है। उसे स्कूल में घुसने दिया तो लोग आरोप लगाएंगे कि बाल विवाह को बढ़ावा दिया जा रहा है। मैं क्या कानून से उपर हूं? चुंचूड़ा के एसडीओ जे चौधरी का कहना है कि छात्रा की शिकायत मिली है,इस बारे में डीआई को मामले की जांच का निर्देश दिया गया है।

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